RBI MPC Meeting 2024: अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) के ठीक बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के रेपो रेट (Repo Rate) पर यथास्थिति जारी रखने की संभावना है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि केंद्रीय बैंक इस हफ्ते अपनी आगामी द्विमासिक मौद्रिक नीति में नीतिगत दरों में कोई बदलाव शायद ही करे, क्योंकि खुदरा महंगाई (Retail Inflation) अब भी संतोषजनक दायरे के ऊपरी स्तर के करीब है. आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की 3 दिन की बैठक 6 फरवरी को शुरू होगी. गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) 8 फरवरी को समिति के फैसले की घोषणा करेंगे.

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रिजर्व बैंक (RBI) ने लगभग एक साल से रेपो रेट (Repo Rate) को 6.5% पर स्थिर रखा है. इसे आखिरी बार फरवरी 2023 में 6.25% से बढ़ाकर 6.5% किया गया था. खुदरा महंगाई जुलाई, 2023 में 7.44% के उच्चस्तर पर थी और उसके बाद इसमें गिरावट आई है. हालांकि, यह अब भी अधिक ही है. खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2023 में 5.69% थी. सरकार ने रिजर्व बैंक को महंगाई (Inflation) को 2% घट-बढ़ के साथ 4% के दायरे में रखने की जिम्मेदारी सौंपी है.

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जानिए कब हो सकती है दरों में कटौती

बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने अनुमान जताया कि एमपीसी रेट और रुख, दोनों में यथास्थिति बनाए रखेगी. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि दिसंबर के आंकड़ों के मुताबिक महंगाई (Inflation) अब भी ऊंची है और खाद्य पक्ष पर दबाव है. 

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में सीपीआई (CPI) आधारित महंगाई कम होने का अनुमान है, हालांकि इसके लिए मानसून का रुख महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने कहा, हमें आगामी समीक्षा में दरों या रुख में कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है. अगस्त, 2024 में जाकर ही दर में कटौती देखी जा सकती है.

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