RBI monetary policy committee meeting: रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की बैठक 6 दिसंबर से शुरू हो रही है. दुनियाभर में नए कोरोनावायरस ओमिक्रॉन (omicron) के बढ़ते खतरे का असर इस बार पॉलिसी के एलान पर दिखाई दे सकता है. आर्थिक ग्रोथ को प्रमोट करने के लिए रिजर्व बैंक ब्‍याज दरों को स्थिर बनाए रख सकता है. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई में हो रही बैठक में पॉलिसी का एलान 8 दिसंबर को किया जाएगा. एक्सपर्ट का मानना है कि इस मॉनिटरी पॉलिसी में आरबीआई ब्याज दरों में बदलाव को लेकर या लिक्विडिटी को लेकर सतर्कता बरतेगा. इससे पहले, अक्‍टूबर की पॉलिसी समीक्षा में भी रिजर्व बैंक ने ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था.

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SBI की एक रिसर्च रिपोर्ट इकोरैप के मुताबिक, मौजूदा हालात को देखते हुए मॉनिटरी पॉलिसी बैठक में आरबीआई ब्याज दरों में किसी प्रकार के बदलाव से बच सकता है. एसबीआई के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष का कहना है कि इकोनॉमी की स्थिति में अभी सुधार हो रहा है. रिवर्स रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने से मौजूदा आर्थिक सुधार को और मजबूत करने के लिए अधिक समय मिलेगा. मौजूदा हालात में कुछ भी करना रिस्की हो सकता है. 

अगर रिजर्व बैंक बुधवार को नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करता है, तो यह लगातार नौवां मौका होगा, जब दरें स्थिर रहेंगी. इससे पहले, रिजर्व बैंक आखिरी बार 22 मई 2020 को ब्याज दरों में बदलाव किया था. 

होम लोन की ब्‍याज दरें बढ़ने की गुंजाइश कम 

पोद्दार हाउसिंग एंड डेवलपमेंट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्‍टर रोहित पोद्दार का कहना है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट (omicron variant) की एंट्री के साथ ही इकोनॉमी में एक नए तरह की अनिश्चितता पैदा हो गई है. हमारा मानना है कि रिजर्व बैंक ग्रोथ को सपोर्ट देने वाले अपने रुक को बनाए रख सकता है और आने वाली मॉनिटरी पॉलिसी (monetary policy) समीक्षा में ब्‍याज दरें स्थिर रह सकती हैं. इसका मतलब कि अगर रिजर्व बैंक की तरफ से ब्‍याज दरों में बदलाव नहीं होता है, तो होम लोन की ब्‍याज दरें भी स्थिर बनी रहेंगी. इसका मतलब कि  मकान खरीदारों को सस्ती दरों पर होम लोन मिलना कुछ और समय तक जारी रह सकता है. 

दरअसल, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का असर इंडियन इकोनॉमी पर कितना पड़ेगा, अभी इसका कोई आकलन नहीं है. हालांकि, ग्लोबल इकनॉमी पर इसके असर को लेकर कई बातें कही जा रही हैं. ऐसे में आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर बड़ी सतर्कता से आगे बढ़ेगा. 

 

रिटेल महंगाई दर 4% के दायरे में रखने का टारगेट

केंद्र सरकार ने रिजर्व बंक को कंज्‍यूमर प्राइस इंडेक्‍स (CPI) आधारित खुदरा महंगाई दर को 4 फीसदी के दायरे में रखने का टारगेट दिया है. इसमें 2 फीसदी कम या ज्‍यादा रह सकता है. रिजर्व बैंक ने महंगाई की चिंताओं का हवाला देते हुए अगस्‍त की पॉलिसी समीक्षा में भी ब्‍याज दरें स्थिर रखी थी. अक्‍टूबर की मॉनिटरी पॉलिसी (RBI monetary policy) समीक्षा में रिजर्व बैंक ने 2021-22 के लिए खुदरा महंगाई दर का टारगेट 5.3 फीसदी रखने का लक्ष्‍य रखा है. 2021-22 की दूसरी तिमाही के लिए यह टागरेट 5.1 फसीदी, तीसरी तिमाही के लिए 4.5 फीसदी और चौथी तिमाही के लिए 5.8 फीसदी था. आरबीआई की तरफ से 2022-23 की पहली तिमाही के लिए खुदरा महंगाई दर का लक्ष्‍य 5.2 फीसदी रखा गया है.