RBI Monetary policy news: नए वित्‍त वर्ष में एक बार फि‍र भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लोगों को राहत दे सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो इस तिमाही भी केंद्रीय बैंक की तरफ से रेपो रेट (repo rate) में इजाफा नहीं किया जाएगा. 5 अप्रैल को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति (RBI Monetary policy committee) रेपो दर का ऐलान करेगी. ऐसे में आम जनता के साथ रियल एस्‍टेट (Real estate) को भी उम्‍मीद है. इससे घर की खरीदार बढ़ने की उम्‍मीद के साथ ही लोगों की होम लोन (Home loan) की दरें नहीं बढ़ेंगीं. रेपो रेट (Repo rate) नहीं बढ़ता है तो निश्चित तौर पर वित्‍त वर्ष 2024-25 की शुरुआत में रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में उछाल देखने को मिलेगा. 

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एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर नीतिगत दर में बदलाव की संभावना नहीं है. इसका कारण आर्थिक वृद्धि दर को लेकर चिंता दूर होने और इसके करीब आठ प्रतिशत रहने के साथ केंद्रीय बैंक का अब और अधिक जोर मुद्रास्फीति को 4 फीसदी के लक्ष्य पर लाने पर हो सकता है. साल 2022 और 2023 में रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में खासा उछाल देखा गया है. हाल ही में आई सभी एजेंसी की रिपोर्ट भी बताती हैं कि लोग अपना घर लेने में रुचि दिखा रहे हैं. ऐसे में घरों की बिक्री सर्वकालिक उच्‍च स्‍तर पर हैं. वहीं डेवलपर फ्लैट, दुकान और आफि‍स पर डिस्‍काउंट भी दे रहे हैं. वहीं कुछ उपहार देकर भी लुभाने की कोशिश है. 

जानकारों की मानें तो अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती देने के लिए RBI इस तिमाही में भी लोगों को राहत देते हुए रेपो रेट (Repo rate) को नहीं बढ़ाएगा. यह भी माना जा रहा है क‍ि इस तिमाही ब्‍याज दरों में कटौती की जा सकती है. इसका सबसे ज्यादा फायदा होम लोन लेने वालों को होगा.

चुनावी समय में क्या होगा असर?

देश में लोकसभा चुनावों की घोषणा हो गई है. ऐसे में चुनाव से पूर्व बैठक के नतीजों का असर चुनावों पर भी हो सकता है. हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि अगर केंद्रीय बैंक रेपो रेट में कटौती पर फैसला लेता है तो घर खरीदारों के लिए बड़ी राहत हो सकती है. लोन की EMI घटने का असर पॉजिटिव हो सकता है.

एक्‍सपर्टस बोले- नई उंचाइयों पर पहुंचेगी अर्थव्‍यवस्‍था

क्रेडाई NCR के अध्यक्ष और गौड़ ग्रुप के CMD मनोज गौड़ ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ अच्छा प्रदर्शन कर रही है. भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर विशेष रूप से लक्जरी और मिड सेगमेंट भी बेहतर कर रहा है. वर्ष 2024 की पहली तिमाही में नए लॉन्च हुए लक्जरी घरों की 34 फीसदी हिस्सेदारी की हालिया रिपोर्ट भी अत्यधिक उत्साहजनक है. हमें खुशी होगी कि अगर आरबीआई रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के अपने पहले के फैसले को जारी रखता है. वहीं, किफायती आवास सेगमेंट की हिस्सेदारी में जारी गिरावट चिंता का विषय है. यह अच्छा होगा अगर आरबीआई किसी ऐसे कदम पर विचार करे जिससे इस क्षेत्र में नई जान फूंकी जा सके और देश के अपने घर के सपने को पूरा किया जा सके.

एसकेए ग्रुप के निदेशक संजय शर्मा ने कहा कि पिछले एक साल से रिजर्व बैंक ने लगातार रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. यह अर्थव्यवस्था के प्रति आरबीआई के भरोसे का प्रतीक है. इस बार भी उम्मीद है कि आरबीआई रेपो दर को स्थिर रखेगा. इससे संभावित घर खरीदारों को सीधा फायदा होगा. रेपो रेट यथावत रहने से साल 2023 रियल एस्टेट के लिए बेहतर रहा.

ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. अमिष भूटानी का कहना है कि पिछले साल रेपो रेट का न बढ़ना रियल एस्टेट और अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक रहा. यदि इस बार भी रेपो दर नहीं बढ़ती तो इसे आरबीआई का रियल एस्टेट सेक्टर के प्रति बदलता बेहतर दृष्टिकोण माना जा सकता है. उच्च ईएमआई और ब्याज दरों से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद यह निर्णय घर खरीदारों और निवेशकों के विश्वास को मजबूत करेगा. उम्मीद है कि इस बार भी ब्याज दरें स्थिर रहेंगी और रियल एस्टेट क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी.

मिगसन ग्रुप के निदेशक यश मिगलानी ने कहा, रेपो रेट फरवरी 2023 से 6.5 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है. देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत है और महंगाई नियंत्रण में है. उम्मीद है कि आरबीआई रेपो रेट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं करेगी और होम बॉयर्स और डेवलपर्स को ध्यान में रखते हुए ही कोई फैसला करेगी.