रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपने क्रेडिट पॉलिसी जारी कर दी है. आरबीआई ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में 0.35 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है. लगातार चौथी बार आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है. आरबीआई अब बैंकों को 5.40 फीसदी पर कर्ज देगा. इस कटौती के बाद रेपो रेट 9 साल में सबसे कम हो गया है.

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इससे पहले आरबीआई ने तीन बार फरवरी, अप्रैल और जून पॉलिसी में भी रेपो रेट को 0.25-0.25 फीसदी घटा चुका है. शक्तिकांता दास के गवर्नर बनने के बाद यह लगातार चौथी कटौती है. मॉनिटरी पॉलिसी के सभी सदस्यों ने दरें घटाने के पक्ष में वोट किया. 4 सदस्यों ने 0.35 फीसदी कटौती के पक्ष में वोट किया. वहीं, 2 सदस्यों ने 0.25 फीसदी कटौती के पक्ष में वोट किया. पिछली चार पॉलिसी में रेपो रेट में 1 फीसदी से ज्यादा की कटौती हो चुकी है.

रिवर्स रेपो रेट में भी कटौती

आरबीआई ने पॉलिसी में रिवर्स रेपो रेट में भी बदलाव किया है. रिवर्स रेपो रेट 0.35 फीसदी घटाकर 5.15 फीसदी कर दिया गया है. हालांकि, CRR में कोई बदलाव नहीं किया गया है. CRR को 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है.

क्यों घटाई गईं ब्याज दरें

आरबीआई ने महंगाई में नरमी को देखते हुए पॉलिसी रेट्स में 0.35 फीसदी की कटौती की है. इसके बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी हो गया है. ऐसा होने पर आम लोगों के लिए बैंक से कर्ज लेना और EMI का बोझ घटने की पूरी उम्मीद है.

पॉलिसी की बड़ी बातें

रेपो रेट में 0.35% की कटौती.

रिवर्स रेपो रेट में 0.35% की कटौती.

रिवर्स रेपो रेट 0.35% घटाकर 5.15%.

CRR यानी कैश रिर्जव रेश्यो 4% पर बरकरार.

4 सदस्यों ने कटौती के पक्ष में वोट किया.

FY20 के लिए GDP ग्रोथ 7% से घटाकर 6.9%.

NBFCS के लिए पूंजी उपलब्धता के लिए कदम उठाए गए.

कंज्यूमर और पर्सनल लोन का रिस्क वेटेज 125% से घटाकर 100% किया.

कृषि लोन के लिए बैंकों को NBFC फंडों की मंजूरी.

दिसंबर से 24 घंटे NEFT की सुविधा.

Q1 FY20 CPI महंगाई दर 3.6%.

2 अगस्त तक $42,900 करोड़  के फॉरेक्स रिजर्व.

मांग, निजी निवेश बढ़ाना पहली प्राथमिकिता.

सिंतबर अंत तक रिटेल पेमेंट सिस्टम के नियम जारी होंगे.

मॉनसून में सुधार हो रहा है.

जून बैठक के बाद ग्लोबल ग्रोथ में धीमापन.

CPI का अनुमान घटाया

रिजर्व बैंक ने अप्रैल से सितंबर के दौरान रिटेल महंगाई 3.2 से 3.4 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. वहीं, FY20 की पहली तिमाही में CPI महंगाई दर 3.6% रहने का अनुमान जताया है. 

GDP ग्रोथ अनुमान घटाया

FY20 के लिए GDP ग्रोथ अनुमान 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी किया गया. FY20 की पहली छमाही में GDP ग्रोथ 5.8- 6.6% रहने का अनुमान.

 

क्या होता है रेपो रेट?

रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है. दरअसल जब भी बैंकों के पास फंड की कमी होती है, तो वे इसकी भरपाई करने के लिए केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई से पैसे लेते हैं. आरबीआई की तरफ से दिया जाने वाला यह लोन एक फिक्स्ड रेट पर मिलता है. यही रेट रेपो रेट कहलाता है. इसे भारतीय रिजर्व बैंक हर तिमाही के आधार पर तय करता है. रेपो रेट कम होने का लाभ ग्राहकों तक भी पहुंचता है. बैंक अपने ग्राहकों को सस्ती दर पर लोन ऑफर करते हैं.