भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से शिष्टाचार मुलाकात की. वित्त मंत्री के साथ दास की यह बैठक मौद्रिक नीति समिति की बैठक से करीब एक पखवाड़ा पहले हुई है. दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक 3 से 5 अप्रैल को होगी. यह वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक होगी.

GDP Growth और महंगाई पर आया अनुमान

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माना जा रहा है कि एमपीसी की बैठक में एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति और वृद्धि की परिदृश्य पर अनुमान पेश किया जाएगा. आरबीआई ने फरवरी में जारी अपनी आखिरी नीतिगत बैठक में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वृद्धि दर सात प्रतिशत और मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था. आरबीआई ने मंगलवार को जारी एक बुलेटिन में कहा कि खाद्य कीमतों का दबाव खुदरा मुद्रास्फीति को रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के लक्ष्य तक तेजी से लाने में बाधा है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर से नीचे आ रही है और फरवरी में 5.09 प्रतिशत रही है.

US Fed Policy पर नजर

आज बुधवार को यूएस फेडरल रिजर्व बैंक की ओर से यूएस फेड इंटरेस्ट रेट पर फैसला आने वाला है. उम्मीद यही है कि इस बार भी ब्याज दरें स्थिर रहेंगी. ब्याज दरों के 5.25% से 5.5% के बीच ही रहने का अनुमान है. और जैसाकि पहले कहा जा रहा था कि जून में रेट कट आ सकता है, अब उसकी उम्मीदें भी धुंधली पड़ती दिख रही हैं. ऐसा माना जा रहा है कि महंगाई के दबाव को अभी देखते हुए यूएस फेड रेट कट को साल के आखिरी महीनों के लिए टाल सकता है.

RBI Repo Rate पर क्या हैं उम्मीदें?

अभी आरबीआई ने रेपो रेट को 6.50% पर रखा है. 8 फरवरी को पॉलिसी पर लिए गए फैसले में इसे लगातार छठी बार स्थिर रखा गया था. आरबीआई का लक्ष्य महंगाई को 4 फीसदी के नीचे लाना है और अभी यह 5 फीसदी के ऊपर है. हालांकि, आरबीआई का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष में ये 4 फीसदी के आसपास आ सकती है, जिससे कि रेट कट की उम्मीद की जा सकती है. हालांकि, अप्रैल की पॉलिसी में तो ऐसे आसार नहीं दिखाई दे रहे. वित्त वर्ष के दूसरी-तीसरी मॉनेटरी पॉलिसी से रेट कट की उम्मीद की जा सकती है, लेकिन वो भी महंगाई की स्थितियों पर निर्भर करता है.