नौकरीपेशा के लिए आने वाला हफ्ता खुशखबरी लेकर आएगा. दरअसल, उनके भविष्य निधि खाते (PF Account) पर ज्यादा ब्याज मिलने का रास्ता साफ हो गया है. EPFO के सूत्रों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018-19 के लिए प्रोविडेंट फंड पर 8.65 फीसदी ब्याज ही मिलेगा. श्रम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच ब्याज दर को लेकर सहमति बन गई है. वित्त मंत्रालय अगले हफ्ते तक ब्याज दरें नोटिफाई कर देगा. इसका सीधा फायदा 4.6 करोड़ खाताधारकों को मिलेगा.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नोटिफिकेशन के बाद ब्याज होगा क्रेडिट

सूत्रों के मुताबिक, पीएफ के ब्याज पर लंबे समय से वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय के बीच सहमति नहीं बन पाई थी. श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार और वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण ने हाल ही में इस मुद्दे को लेकर बैठक की थी. सूत्रों की मानें तो बैठक में ज्यादा ब्याज देने पर सहमति बन गई है. अगले हफ्ते ब्याज दरों को नोटिफाई कर दिया जाएगा. नोटिफाई होने के बाद सभी प्रोविडेंट फंड खाताधारकों के लिए खाते में ब्याज क्रेडिट कर दिया जाएगा. 

सूत्रों की मानें तो 21 अगस्त को हैदराबाद में हुई EPFO के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्ट (CBT) की बैठक में पीएफ के ब्याज पर चर्चा हुई. हालांकि, ब्याज दर बैठक के मुख्य एजेंडा में शामिल नहीं था. लेकिन, अनौपचारिक तौर पर इस पर चर्चा की गई. CBT की मीटिंग में चेयरमैन श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार के अलावा केंद्र और राज्य यूनियन के अधिकारियों ने भी शिरकत की थी.

PF पर मिलेगा ज्यादा ब्याज

प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज को खींचतान खत्म हो गई है. सूत्रों की मानें तो ईपीएफओ ने अपना पक्ष रखते हुए साफ किया कि सिफारिशों के मुताबिक ही ब्याज दिया जाना चाहिए. वित्त वर्ष 2018-19 में ईपीएफओ ने जनवरी 2019 में 8.65 फीसदी ब्याज देने का ऐलान किया था. वित्त मंत्रालय ने भी उस वक्त ज्यादा ब्याज देने के फैसले को मंजूरी दे दी थी. लेकिन, IL&FS संकट के चलते वित्त मंत्रालय ने EPFO से ब्याज दर की दोबारा समीक्षा करने को कहा था, जिसकी वजह से यह ब्याज दरों को नोटिफाई नहीं कर पाया था. हालांकि, ईपीएफओ इसी पक्ष में था कि पीएफ खाताधारकों को ज्यादा ब्याज दिया जाए.

क्यों मिलेगा ज्यादा ब्याज?

ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2018-2019 के लिए पीएफ पर ब्याज दरें 8.55 फीसदी से बढ़ाकर 8.65 फीसदी करने की सिफारिश की थी. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, पीएफ पर अधिक ब्याज देने के बाद भी इस वक्त ईपीएफओ के पास 150 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी है. कमजोर ब्याज दरों की वजह से होने वाले नुकसान को पहले ही कवर किया जा चुका है. इसलिए खाताधारकों को ज्यादा ब्याज देने में कोई दिक्कत नहीं है.

क्या थी वित्त मंत्रालय की चिंता?

वित्त मंत्रालय को इस बात की चिंता थी कि पीएफ पर ज्यादा ब्याज देने से बैंकों के लिए आकर्षक ब्याज दरें देना संभव नहीं होगा. इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. वित्त मंत्रालय की आपत्ति ऐसे वक्त में आई जब बैंक फंड जुटाने के लिए लोन पर ब्याज दरें कम करने से बच रहे थे. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मंजूरी के बाद श्रम मंत्रालय को सौंपे गए मेमोरेंडम में कहा गया था कि IL&FS में निवेश के चलते फंड को नुकसान हुआ है. ऐसे में श्रम मंत्रालय को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पीएफ के ब्याज दर पर फिर से विचार करना चाहिए. हालांकि, अब मामला सुलझ चुका है.