प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल (Principal Economic Advisor Sanjeev Sanyal) ने सरकार की निजीकरण नीति (privatization policy of the government) का बचाव किया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, सान्याल ने शनिवार को कहा कि सरकार जिन भी सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (PSU) की बिक्री की मंशा रखती है उनकी स्थापना असल में निजी क्षेत्र द्वारा ही की गई थी.

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एयर इंडिया एक बेहतरीन उदाहरण है

खबर के मुताबिक, सान्याल ने कहा, विपक्ष का कहना है कि ये उपक्रम सार्वजनिक क्षेत्र की मेहनत का नतीजा हैं. ऐसे में मैं यह स्पष्ट करना चाहूंगा कि जिन भी उपक्रमों के निजीकरण का प्रयास किया जा रहा है वास्तव में उनका निर्माण निजी क्षेत्र द्वारा ही किया गया था. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि एयर इंडिया को निजी क्षेत्र से वापस लिया गया और 1953 में उसका राष्ट्रीयकरण किया गया.

1969 में बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ

सान्याल ने एक कार्यक्रम में कहा कि इसी तरह 1969 में बैंकों (privatisation of banks) को वापस लिया गया और उनका राष्ट्रीयकरण हुआ. ऐसे में जब लोग कहते हैं कि इन संस्थानों के निर्माण के पीछे भारतीय अधिकारियों की मेहनत है, तो मैं एक बात बताना चाहूंगा कि वास्तव में इन्हें निजी क्षेत्र की कंपनियों ने बनाया था.

रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों पर वित्त मंत्री कह चुकी हैं

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) पहले ही निजीकरण के मकसद से रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों को रेखांकित कर चुकी हैं. रणनीतिक क्षेत्रों में सरकार की उपस्थिति न्यूनतम रहेगी. सान्याल ने कहा कि जहां जरूरत होगी, वहां सरकार नई सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई बनाने में हिचकिचाएगी नहीं.

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बैंकिंग क्षेत्र में सरकार की उपस्थिति इसमें बनी रहेगी

विकास वित्त संस्थान (DFI) के गठन का उदाहरण देते हुए सान्याल ने कहा कि सरकार ने हाल में बुनियादी ढांचा और विकास के वित्तपोषण के लिए राष्ट्रीय बैंक (NABFID) बनाया है. इसके जरिये बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का वित्तपोषण किया जाएगा. बैंकिंग क्षेत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह रणनीतिक क्षेत्र है और सरकार की उपस्थिति इसमें बनी रहेगी.