Vivad se Vishwas I: वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSMEs) को राहत दी. इसके तहत छोटे उद्यमों को कोविड-19 अवधि के दौरान कॉन्ट्रैक्ट पूरा नहीं होने के मामले में सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों द्वारा जब्त परफॉर्मेंस सिक्योरिटी या बिड सिक्योरिटी को वापस लेने के लिये आवेदन जमा करने को लेकर 30 जून तक का समय दिया गया है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के बजट में विवाद से विश्वास-1 (Vivad se Vishwas I ) की घोषणा की थी. इसके तहत कोविड के दौरान अनुबंध का क्रियान्वयन करने में विफल रहने की स्थिति में बिड  या परफॉर्मेंस सिक्योरिटी से संबंधित 95% जब्त राशि एमएसएमई को लौटाने का प्रावधान किया गया है.

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कब से शुरू होगी योजना

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा, योजना 17 अप्रैल, 2023 से शुरू होगी और दावा जमा करने की अंतिम तिथि 30 जून, 2023 है.  योजना के तहत मंत्रालयों को कोविड-19 महामारी के दौरान जब्त परफॉर्मेंस सिक्योरिटी, बिड सिक्योरिटी और नुकसान के एवज में काटी गयी राशि का 95% वापस करने के लिए कहा गया है. कोविड-19 की अवधि के दौरान अनुबंधों के निष्पादन में चूक के लिये भी प्रतिबंधित एमएसएमई (MSMEs) को 31 मार्च, 2022 तक कुछ राहत प्रदान की गई है.

कौन होंगे दावा करने के पात्र

एमएसएमई मंत्रालय के साथ सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों के रूप में रजिस्टर्ड वे सभी ठेकेदार या आपूर्तिकर्ता अनुबंधों के लिए जब्त की गई राशि की वापसी का दावा करने के पात्र होंगे, जिनकी मूल डिलिवरी या अनुबंध समापन अवधि 19 फरवरी, 2020 से 31 मार्च, 2022 थी.

मंत्रालय ने कहा कि सरकारी ई-मार्केट प्लेस (GeM) ने योजना के क्रियान्वयन के लिये अलग से ‘वेब पेज’ तैयार किया है। पात्र दावों का प्रसंस्करण केवल जीईएम के जरिए होगा.

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