सरकार ने भारत में खाने के स्टैंडर्ड में सुधार को लेकर किए अमेंडमेंट्स को मंजूरी दे दी है. इसके अलावा सभी तरह के फूड प्रोडक्ट्स अब केवल एक ही संस्था जारी कर सकेगी. FSSAI को ये जिम्मा पूरी तरह दे दिया गया है कि भारतीय बाजार में बिकने वाले हर तरह के खाद्य पदार्थ के लिए केवल वहीं से सर्टिफिकेट मिले. फूड प्रॉडक्ट्स को BIS से लेना होगा सर्टिफिकेट इससे पहले कुछ फूड प्रॉडक्ट्स को BIS यानी Bureau of Indian Standards से सर्टिफिकेट लेना होता था. खेती से जुड़े प्रोडक्ट्स को AGMARK सर्टिफिकेट लेना होता था. अब ये सब खत्म कर दिए गए हैं. बकरी के दूध या भेड़ के दूध से लेकर सभी तरह के मिल्क प्रॉडक्ट्स में फैटी एसिड की मात्रा के स्टैंडर्ड्स भी फिर से तय किए गए हैं. हलीम के स्टैंडर्ड तय किए जाएंगे दाल, अनाज और मीट को मिलाकर पकने वाले नॉनवेज व्यंजन 'हलीम" के स्टैंडर्ड तय किए जाएंगे और तय मानकों के हिसाब से इस डिश को बनाने वालों को ही FSSAI यानी फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया का सर्टिफिकेट मिल सकेगा. घी में पाए जाने वाले फैटी एसिड की मात्रा के मानकों की तरह ही दूध में मौजूद फैटी एसिड के मानक भी तय किए जा रहे हैं.  शहद से बनने वाली वाइन MEAD के स्टैंडर्ड और रेडी टू ड्रिंक एल्कोहोलिक बेवरेज के स्टैंडर्ड भी फिर से तय किए जा रहे हैं. दूध को लेकर मानकों में किए जा रहे बदलाव केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने किसानों से लेकर अलग अलग एजेंसियों के साथ मीटिंग के बाद ये फैसला किया है. दूध को लेकर मानकों में बदलाव किए जा रहे हैं जबकि हलीम के मानक तय किए जा रहे हैं क्योंकि सरकार के मुताबिक हलीम को लेकर कभी कोई मानक बनाए ही नहीं गए.