सर्दियों में हम सभी चाय में गर्माहट ढूंढते हैं. लेकिन मिलावट कहां, कैसे मिल जाए, ये कोई नहीं कह सकता. देशभर से चाय की पत्तियों के लिए गए सैंपलों फूड रेगुलेटर FSSAI को न जाने क्या-क्या मिला है. फूड रेगुलेटर क्वालिटी को लेकर 'चाय पर चर्चा' कर रहा है. दरअसल, इसी महीने के मध्य में इंडस्ट्री, रेगुलेटर, उपभोक्ता मामले मंत्रालय की इस मुद्दे पर बैठक होने वाली है, जिसमें चाय की पत्तियों में मिलावट के खिलाफ कदम उठाए जाएंगे.

सैंपलों में मिली थी मिलावट

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FSSAI देशभर से जुटाए सैंपल की जांच कर रहा है. नियामक ने अक्टूबर माह में इंडस्ट्री, एसोसिएशन और अन्य स्टेकहोल्डर्स से चर्चा की थी. फूड रेगुलेटर की जांच आखिरी दौर में चल रही है. FSSAI की जांच में 50% से अधिक सैंपल मानक पर खरे नहीं उतरे हैं. देशभर से ये सैंपल इकट्ठा किए गए थे. चाय सैंपल में भारी मेटल, कलर, डस्ट की मिलावट मिली है. कई सैंपल में प्रॉसेस की हुई Used Tea मिली है. ऊपर से फ्लेवर्ड चाय के नाम पर कई तरह की विसंगतियां देखने को मिली हैं.

उधर, चाय की पैदावार बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में कीटनाशक का प्रयोग हो रहा है. मई महीने में 5 पेस्टीसाइड्स emamectin, benzoate, fenpyroximate, hexaconazole, propiconazole, & quinalphos के मिनिमम रेसिड्यू लेवल को लेकर नोटिफिकेशन भी जारी किया गया था.