CSC on PACS: प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटी (PACS) पर कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) की सर्विसेज मिलेगी. अब तक 17,176 पैक्स को सीएससी के रूप में काम करने के लिए रजिस्टर्ड किया गया है. ये PACS ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग (Banking), बीमा (Insurance) और आधार नामांकन (Aadhaar Enrolment) जैसी 300 से अधिक सेवाएं दे सकेंगे.

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्रीअमित शाह ने कहा, देश भर में लगभग 95,000 पैक्स हैं और जल्द ही सभी सीएससी (CSC) का संचालन कर सकेंगे. अगले कुछ वर्षों में लगभग 3 लाख नए पैक्स स्थापित किए जाएंगे, जो शुरुआत से ही ये सेवाएं दे सकेंगे. इससे न केवल गरीबों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा और नई ताकत मिलेगी.

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13-14 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार

लगभग 17,176 पैक्स ने सीएससी के रूप में काम करने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है. इसमें से 6,670 पैक्स ने लेनदेन भी शुरू कर दिया है. आने वाले 1-2 सप्ताह में बाकी पंजीकृत पैक्स भी लेनदेन शुरू कर देंगे. इससे लगभग 13-14 हजार युवाओं को ऑपरेटर के रूप में रोजगार मिलेगा. CSC जल्द ही रेल आरक्षण (Rail Reservation) सर्विस शुरू होंगे और हवाई यात्रा के लिए टिकट बुक करने की मंजूरी मिलेगी. 

मिलेंगी ये सर्विसेज

पैक्स (PACS) नागरिकों को सीएससी योजना के डिजिटल सेवा पोर्टल पर सूचीबद्ध सभी सेवाएं दे सकते हैं. इनमें बैंकिंग, बीमा, आधार नामांकन, कानूनी सेवाएं, कृषि उत्पाद एवं उपकरण, पैन कार्ड (PAN Card), आईआरसीटीसी (IRCTC), रेल, बस और हवाई टिकट संबंधी सेवाएं आदि शामिल हैं.

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सक्रिय सीएससी की संख्या 2014 में 83,000 से बढ़कर इस समय 5.19 लाख तक पहुंच गई है. क्स के सीएससी के रूप में काम करने से ग्रामीण आबादी अब बहुत कम लागत पर कई सेवाएं प्राप्त कर सकेगी.सरकारी योजनाओं तक उनकी पहुंच आसान होगी. अब तक कुल 17000 PACS, CSC पोर्टल पर ऑनबोर्ड हो चुके हैं, जिनमें से 6,000 से अधिक PACS, CSC के रूप में सेवाएं देना शुरू कर रहे हैं.

बता दें कि कॉमन सर्विसेज सेंट (CSC), मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है. आज देशभर में 5,20,000 से अधिक CSC आवश्यक सरकारी सेवाओं, समाज कल्याण योजनाओं, वित्तीय सेवाओं, शिक्षा और कौशल विकास पाठ्यक्रमों के अलावा कई B2C सेवाओं का भी संचालन करती हैं.CSC ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड, एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) है, जिसे वर्ष 2009 में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत सामान्य सेवाओं के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए बनाया था.

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