2024 Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देशभर में राजनीतिक गहमागहमी, जोड़तोड़ और समीकरण सेटलमेंट जोरों पर है. चुनाव में सीधा मुकाबला सत्‍तारुढ़ BJP की अगुवाई वाले गठबंधन NDA (National Democratic Alliance) और कांग्रेस समेत अन्‍य दलों (खासकर प्रमुख क्षेत्रीय) के गठजोड़ INDIA के बीच है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में NDA तीसरी बार मजबूत दावेदारी के साथ चुनाव मैदान में है. जबकि INDI अलायंस बीजेपी को शिकस्‍त देने के लिए जोर आजमाइश कर रहा है. बीजेपी गठबंधन ने इस बार 400 पार का नारा दिया है.  

NDA को मिलेगा 3rd टर्म?

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रिसर्च फर्म एंटिक ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें उसका मानना है कि अभी तक कोई बहुत बड़ी सत्‍ता सत्‍ता विरोधी लहर नहीं दिखाई दे रही है, जो NDA की तीसरा बार वापसी रोक दे. 2019 में NDA को 353 सीटें मिली थी. इस बार यह गठबंधन 400 के आंकड़े तक पहुंच सकता है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, अयोध्‍या राम मंदिर और क्षेत्रीय दलों के साथ बीजेपी की हाल में हुए गठबंधन एनडीए की भारी जीत में एक बड़ा फैक्‍टर साबित हो सकते हैं. बड़े राज्‍यों जैसेकि आंध्र प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश और बिहार में बीजेपी नीत गठबंधन की सीटें बढ़ सकती हैं. वहीं, अयोध्‍या राम मंदिर को लोग सत्‍तारूढ़ सरकार की एक बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं. 

रिसर्च फर्म का मानना है कि BJP की अगुवाई वाला NDA अगर पूर्ण बहुमत के साथ सत्‍ता में वापसी करता है, तो इससे राजनीतिक स्थिरता रहेगी और मौजूदा सरकार के रिफॉर्म्‍स को रफ्तार मिलेगी. इससे भारत को लंबे समय तक के लिए 7 फीसदी से ज्‍यादा की रियल GDP ग्रोथ हासिल करने में मदद मिलेगी.

आंध्र, यूपी, बिहार पर रहेगी नजर 

रिपोर्ट के मुताबिक, NDA 400 का आंकड़ा छू सकता है. आंध्र प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्‍यों में एनडीए की सीटें बढ़ सकती हैं. हालांकि महाराष्‍ट्र में NDA की सीटें कम हो सकती हैं. एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी BJP को पूर्ण बहुमत मिलने से राजनीतिक स्थिरता रहेगी. 

दूसरी ओर, महाराष्‍ट्र में एनडीए के सामने चुनौती रहेगी. एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना और अजीत पवार वाली एनसीपी के साथ गठबंधन के बावजूद NDA को करीब 6 सीटों का नुकसान हो सकता है. 

NDA के पक्ष में बड़े फैक्‍टर

रिपोर्ट के मुताबिक, NDA के पक्ष में कुछ बड़े फैक्टर काम कर सकते हैं. इसमें सबसे प्रमुख क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन और राम मंदिर निर्माण है. सरकार की अन्‍य बड़ी उपलब्धियों की बात करें, तो इसमें करप्‍शन फ्री गवर्नेंस, दुनिया में भारत की मजबूत होती छवि और कोविड-19 महामारी का प्रबंधन है. 

बीजेपी ने हाल ही में क्षेत्रीय दलों जैसेकि तेलुगु देशम पार्टी और बीजू जनता दल के साथ अलायंस किया है. इससे आंध्र और ओडिशा में एनडीए को मजबूती मिल सकती है. वहीं, बीजेपी ने राम मंदिर निर्माण के अपने एक अहम चुनावी वादे को पूरा किया है. जोकि मौजूदा सरकार की लोकप्रियता को बूस्‍ट दे रहा है.  

रिसर्च फर्म की एक टीम ने हाल ही में अयोध्‍या का दौरा किया. उसके आधार पर उसका कहना है कि राम मंदिर सत्‍तारुढ़ सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है. दिसंबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच एक सर्वे में भी यह बात सामने आई थी. अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर निर्माण के बाद देशभर से लोगों को एक झलक पाने के लिए वहां तांता लगा हुआ है. 

7 चरणों में होगा लोकसभा चुनाव 

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. देश भर में 7 चरणों में चुनाव कराए जाएंगे यह चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून 2024 तक होंगे. वोटों की गिनती 4 जून 2024 को की जाएगी. पहले चरण में 102, दूसरे में 89, तीसरे में 94, चाथे में 96, पाचंवे में 49, छठवें में 57 और सातवें में 57 सीटों पर चुनाव होंगे. इस बार मतदाताओं की संख्‍या करीब 8 फीसदी बढ़कर 96.9 करोड़ हो गई है. इसमें महिला वोटरों की संख्‍या में अच्‍छा खासा इजाफा हुआ है. इस बार 48.6 फीसदी महिला वोटर होंगी. जबकि 2019 में 48 फीसदी थीं. 

चुनाव आयोग के मुताबिक, पहले चरण के लिए 20 मार्च को नोटिफिकेशन जारी होगा. पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को होगी. दूसरे फेज की वोटिंग 26 अप्रैल, तीसरा फेज की वोटिंग 7 मई, चौथा फेज की वोटिंग 13 मई, पांचवें फेज की वोटिंग 20 मई, छठे फेज की वोटिंग 25 मई और सातवें व अंतिम फेज की वोटिंग 1 जून को होगी. तीन राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सात चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे. सातवें फेज में पंजाब और हरियाणा में वोट डाले जाएंगे.