PLI Scheme: नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा मार्च 2020 में शुरू की गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, रोजगार पैदा करने और निर्यात को बड़ा बढ़ावा देने में गेम चेंजर साबित हुई है. शीर्ष वैश्विक ब्रांडों एप्पल और सैमसंग के भारत निर्मित स्मार्टफोन के नेतृत्व में देश पहली बार इलेक्ट्रॉनिक सामानों के एक मजबूत निर्यातक के रूप में उभरा है. पीएलआई योजना (PLI Scheme) के कारण प्रमुख स्मार्टफोन कंपनियों ने अपने आपूर्तिकर्ताओं को भारत में स्थानांतरित कर दिया है. इनमें ताइवान की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन शामिल हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

औद्योगिक मोर्चे पर एक और बड़ी सफलता में, अमेरिकी चिप दिग्गज माइक्रोन टेक्नोलॉजीज द्वारा अहमदाबाद के पास सेमीकंडक्टर्स का उत्पादन करने के लिए एक कारखाना स्थापित करने पर काम चल रहा है. इस साल अप्रैल-अक्टूबर में भारत के इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्यात में 60 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह 15.5 अरब डॉलर हो गया है, जबकि 2022-23 में पूरे साल में यह 23.6 अरब डॉलर रहा था.

FDI में 76 फीसदी की बढ़ोतरी

डीपीआईआईटी सचिव राजेश कुमार सिंह के अनुसार, पीएलआई योजनाओं (PLI Schemes) के परिणामस्वरूप पिछले वित्त वर्ष 2020-21 (12.09 अरब अमेरिकी डॉलर) की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 (21.34 अरब अमेरिकी डॉलर) में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एफडीआई में 76% की मजबूत बढ़ोतरी हुई.

1.97 लाख करोड़ रुपये की इन्सेंटिंव

भारत को 'आत्मनिर्भर' बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा परिकल्पित पीएलआई योजना उत्पादन क्षमताओं को मजबूत करने और वैश्विक चैंपियन बनाने में मदद करने के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये (लगभग 26 अरब अमेरिकी डॉलर) के प्रोत्साहन परिव्यय के साथ 14 सेक्टर्स की नींव पर बनाई गई है. टेलीकॉम सेक्टर (Telecom Sector) में 60 फीसदी का आयात प्रतिस्थापन हासिल किया गया है और भारत एंटीना, जीपीओएन (गीगाबिट पैसिव ऑप्टिकल नेटवर्क) और सीपीई (ग्राहक परिसर उपकरण) में लगभग आत्मनिर्भर हो गया है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, पीएलआई योजना (PLI Scheme) के कारण ड्रोन (Drone) सेक्टर के कारोबार में 7 गुना उछाल देखा गया है, जिसमें सभी एमएसएमई स्टार्टअप शामिल हैं.

फूड प्रोसेसिंग (Food Processing) के लिए पीएलआई योजना के तहत, भारत से कच्चे माल की सोर्सिंग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे भारतीय किसानों और एमएसएमई की आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. फार्मा सेक्टर (Pharma Sector) में कच्चे माल के आयात में भी उल्लेखनीय कमी आई है. भारत में पेनिसिलिन-जी सहित अद्वितीय मध्यवर्ती सामग्री और थोक दवाओं का निर्माण किया जा रहा है और सीटी स्कैन और एमआरआई जैसे चिकित्सा उपकरणों के निर्माण में प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण हुआ है. जिन क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाएं मौजूद हैं और वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2022-23 तक एफडीआई प्रवाह में बढ़ोतरी देखी गई है, उनमें दवाएं और फार्मास्यूटिकल्स (46%), फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री (26%) और चिकित्सा उपकरण (91%) शामिल हैं.

700 से अधिक आवेदन स्वीकृत

पीएलआई योजनाओं (PLI Schemes) ने भारत के निर्यात बास्केट को पारंपरिक वस्तुओं से इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार सामान और प्रोसेस्ड फूड उत्पादों जैसे उच्च मूल्य वर्धित उत्पादों में बदल दिया है. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 3.65 लाख करोड़ रुपये के अपेक्षित निवेश के साथ 14 सेक्टर्स में 700 से अधिक आवेदन स्वीकृत किए गए हैं. थोक औषधि, चिकित्सा उपकरण, फार्मा, टेलीकॉम, व्हाइट गुड्स, फूड प्रोसेसिंग, कपड़ा और ड्रोन जैसे सेक्टर्स में पीएलआई लाभार्थियों में 176 MSMEs भी हैं.

3,25,000 रोजगार पैदा

मार्च 2023 तक 62,500 करोड़ रुपये का वास्तविक निवेश प्राप्त हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप 6.75 लाख करोड़ रुपये से अधिक का उत्पादन और बिक्री हुई है और लगभग 3,25,000 रोजगार पैदा हुआ है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022-23 तक निर्यात में 2.56 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. 

महिला रोजगार और स्थानीयकरण में 20 गुना बढ़ोतरी

वित्त वर्ष 2022-23 में 8 सेक्टर्स के लिए पीएलआई योजनाओं (PLI Schemes) के तहत लगभग 2,900 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित की गई. बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग (एलएसईएम), आईटी हार्डवेयर, थोक दवाएं, चिकित्सा उपकरण, फार्मास्यूटिकल्स, टेलीकॉम और नेटवर्किंग उत्पाद, फूड प्रोसेसिंग और ड्रोन और ड्रोन घटक इसके लाभार्थी हैं. इसके परिणामस्वरूप बैटरी और लैपटॉप जैसे आईटी हार्डवेयर में महिला रोजगार और स्थानीयकरण में 20 गुना बढ़ोतरी हुई है.

सिंह कहते हैं, हम 3 साल की अवधि के भीतर मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में वैल्यू एडिशन को 20 फीसदी तक बढ़ाने में सक्षम हुए हैं, जबकि वियतनाम जैसे देशों ने 15 वर्षों में 18% वैल्यू एडिशन हासिल किया और चीन ने 25 वर्षों में 49% वैल्यू एडिशन हासिल किया. इस परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो यह एक बड़ी उपलब्धि है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 101 अरब अमेरिकी डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में स्मार्टफोन का योगदान 44 अरब डॉलर का है, जिसमें 11.1 अरब डॉलर का निर्यात भी शामिल है.