कोरोना काल से देश की हर गतिविधि पर असर पड़ा है. लेकिन तमिलनाडु (Tamil Nadu) में धान की खेती (Paddy Crop) पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. तमिलनाडु में सरकार ने किसानों से धान की खरीद के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

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राज्य के खाद्य मंत्री आर. कामराज ने कहा कि इस मौसम के दौरान 32.24 लाख टन से अधिक धान की खरीद (paddy procurement) की गई है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों से खरीदे गए अनाज की यह सबसे ज्यादा मात्रा है.

उन्होंने कहा कि पहली अक्तूबर से खरीफ सीजन (Kharif Season) के लिए धान की खरीद भी शुरू हो जाएगी. इससे  खरीद केन्द्रों पर अनाज की आवक और बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से किसी भी मात्रा में धान खरीदने के लिए तैयार है.

तमिलनाडु में पिछले साल 2018-19 के दौरान कुल 19.10 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी, जो कि इस साल बढ़कर 32.24 लाख मीट्रिक टन पहुंच गई है. इस साल की खरीद राज्य के इतिहास में रिकॉर्ड खरीद है. बीते सीजन में राज्य सरकार ने 5 लाख, 6 हजार किसानों से धान की खरीद की थी. इस बार यह आंकड़ा 5.34 लाख किसानों तक जा पहुंचा है. 

बता दें कि उत्तर भारत में धान की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू हो रही है. हालांकि पंजाब और हरियाणा में तय समय से पहले ही खरीद शुरू हो चुकी है. 

दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में रबी (Rabi) और खरीफ (Kharif), दोनों ही सीजन में धान उगाया जाता है. इसलिए इन राज्यों में रबी धान की खरीद को भी खरीफ सीजन में शामिल किया जाता है. दक्षिण भारत में मोटा चावल पैदा किया जाता है. 

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केन्द्र सरकार ने इस खरीफ सत्र (2020-21) में 495 लाख टन (49.5 मिलियन टन) धान खरीद का लक्ष्य रखा है. सरकार ने इस साल धान के समर्थन मूल्य में 53 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी कर 1868 रु. प्रति क्विंटल की थी. पिछले साल लगभग 420 लाख टन धान की खरीद की थी जिसको इस साल बढ़ाकर 495 लाख टन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.