प्याज महंगा होने वाला है. आपके तड़के में महंगाई का छौंक लगने वाला है. दिवाली तक प्याज की कीमतें रुला सकती हैं. देश के कई हिस्सों में हो रही बेमौसम बारिश से प्याज की कीमतों पर असर देखने को मिल सकता है. अगले एक महीने में प्याज के दाम में तेजी से उछाल आने की उम्मीद है. दिवाली तक 100 रुपए प्रति किलो तक दाम उछल सकते हैं. फिलहाल, प्याज 40-50 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. 

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सोमवार को देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव (नासिक) में प्याज का भाव 6802 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया. ये इस साल का सबसे ज्यादा दाम है. मंडी कारोबारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में रिटेल मार्केट (खुदरा बाजार) में प्याज के दाम 100 रुपए के पार निकल सकता है.

क्यों महंगा हो रहा है प्याज?

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के कई इलाको में भारी बारिश हो रही है. इसके चलते खेतों में प्याज की फसल बर्बाद हो गई है, जिसकी वजह से प्याज के भाव आसमान पर पहुंच रहे हैं. बेमौसम बारिश के चलते महराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक में फसल को नुकसान हुआ है. साथ ही प्याज की जमाखोरी भी शुरू हो गई है. इससे सप्लाई प्रभावित होने का खतरा है. नई फसल फरवरी तक आएगी. ऐसे में फरवरी 2021 तक प्याज के दाम कम होने के संकेत नहीं है. 

डिमांड बढ़ने से भी आई तेजी

कारोबारियों का कहना है कि प्याज के दाम में डिमांड बढ़ने से भी तेजी आई है. दरअसल, अनलॉक 5.0 में होटल, रेस्त्रां और ढाबे शुरू होने से इसकी डिमांड बढ़ी है. लेकिन, सप्लाई बाधित होने के चलते प्याज नहीं मिल रहा है. डिमांड में तेजी के चलते ज्यादा भाव पर भी प्याज खरीदना शुरू हो चुका है. आने वाले दिनों में प्याज का भाव तेजी से ऊपर चढ़ेगा. अगले एक हफ्ते में प्याज 60-70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकता है.

एक दिन में ही चढ़ा 2000 रुपए प्रति क्विंटल दाम

प्याज का दाम एक दिन में ही 2000 रुपए प्रति क्विंटल चढ़ गया. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह आपूर्ति में कमी है. पिछले कुछ दिनों से मंडी बंद चल रही थी. एक व्यापारी पर इनकम टैक्स छापे के विरोध में मंडी कारोबारियों ने बंद का ऐलान किया था. सोमवार को मंडी खुलते ही प्याज का भाव 2000 रुपए प्रति क्विंटल चढ़ गया. कर्नाटक में भी हुई बेमौसम बारिश की वजह से भी प्याज की सप्लाई में कमी आई है. इसका असर कीमतों पर दिख रहा है.

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कब-कब होती है प्याज की खेती?

  • भारत में प्याज की खेती के तीन सीजन है. 
  • पहला खरीफ, दूसरा खरीफ के बाद और तीसरा रबी सीजन. 
  • खरीफ सीजन में प्याज की बुआई जुलाई अगस्त महीने में की जाती है. 
  • खरीफ सीजन में बोई गई प्याज की फसल अक्टूबर दिसंबर में मार्केट में आती है.
  • प्याज का दूसरे सीजन में बुआई अक्टूबर नवंबर में की जाती है. इनकी सप्लाई जनवरी-मार्च में होती है.
  • प्याज की तीसरी फसल रबी फसल है. 
  • दिसंबर-जनवरी में बुआई होती है और फसल की कटाई मार्च से लेकर मई तक होती है.
  • एक आंकड़े के मुताबिक प्याज के कुल उत्पादन का 65 फीसदी रबी सीजन में होती है.