Food Safety: खाद्य पदार्थों और पूरी सप्लाई चेन में क्वालिटी को लेकर कोडेक्स (CODEX) की बैठक में चर्चा हुई. इस बैठक में स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि नया फूड सेफ्टी बिल (New Food Safety Bill) जल्द जारी होगा. उन्होंने बताया, फूड सिक्योरिटी एंड स्टैंडर्ड एक्ट, 2006 में संशोधन अंतिम चरण में हैं. संसद के आगामी सत्र में संशोधन बिल पेश किया जाएगा. बता दें कि CODEX फ़ूड सेफ्टी का अंतरराष्ट्रीय संगठन है.

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कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन (CAC) उपभोक्ता स्वास्थ्य की रक्षा और खाद्य व्यापार में निष्पक्ष प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 1963 में एफएओ और डब्ल्यूएचओ द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) भारत के लिए राष्ट्रीय कोडेक्स कॉन्टैक्ट प्वाइंट है. 

इस वर्ष कोडेक्स (CODEX) अपनी 60वीं वर्षगांठ मना रहा है और इस मील के पत्थर को मनाने के लिए खाद्य व्यापार में सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए FSSAI ने फिक्की (FICCI) के सहयोग से 27 अक्टूबर 2023 को अंतरराष्ट्रीय खाद्य मानकों का एक संग्रह 'भारत कोडेक्स के 60वें वर्ष का जश्न मनाता है' विषय पर दिल्ली में एक सेमिनार का आयोजन किया.

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प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव और भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अध्यक्ष सुधांश पंत ने पिछले छह दशकों में अनुकरणीय योगदान के लिए कोडेक्स (CODEX) को बधाई दी और विज्ञान-आधारित रूपरेखा की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि विकासशील देशों की सक्रिय भागीदारी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने विज्ञान आधारित ढांचे और विकासशील देशों से सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया. उन्होंने नई चुनौतियों और प्रौद्योगिकियों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, कोडेक्स (CODEX) गतिविधियों में सहयोग और चल रही भागीदारी यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि खाद्य सुरक्षा सबसे आगे रहे.

नया खाद्य सुरक्षा विधेयक लगभग तैयार

पंत ने आश्वासन दिया कि भारत सरकार खाद्य नियमों को आधुनिक समय के अनुरूप लाने की आवश्यकता से पूरी तरह परिचित है. एक नया खाद्य सुरक्षा विधेयक (खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 में संशोधन) लगभग तैयार है. उन्होंने कहा, आगामी संसद सत्र में इसे पेश करने का प्रयास चल रहा है.

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उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य भाषण में FSSAI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जी कमलावर्धन राव ने बदलती खाद्य आदतों और अत्याधुनिक खाद्य इनोवेशंस से जुड़ी उभरती चुनौतियों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किया. उन्होंने वास्तविक मानकों को स्थापित करने और जनता को सुरक्षित भोजन की डिलीवरी सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह वैज्ञानिक समुदाय के लिए अनिवार्य है. उन्होंने इसे सुनिश्चित करने में सीएसी के महत्व पर भी जोर दिया.

वैश्विक खाद्य सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप, सीएसी के उपाध्यक्ष राज राजशेखर ने कोडेक्स के उल्लेखनीय विस्तार पर प्रकाश डाला. इसकी उत्पत्ति विकसित देशों के एक छोटे समूह से लेकर 188 सदस्य देशों और एक सदस्य संगठन के साथ एक मजबूत संगठन तक हुई. उन्होंने इसके सर्वोपरि महत्व पर जोर देते हुए इस बात पर जोर दिया कि खाद्य सुरक्षा हर संगठन और सरकार में एकीकृत है.

राज शेखर ने खाद्य सुरक्षा मानदंडों को आकार देने में FSSAI की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और खाद्य सुरक्षा नियमों को तैयार करने में उद्योग और नागरिक समाज सहित बहु-हितधारक भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका की भी सराहना की. उन्होंने नीदरलैंड के एक अध्ययन का हवाला देते हुए मानव रक्तप्रवाह में माइक्रोप्लास्टिक्स के प्रवेश जैसी उभरती चिंताओं को भी संबोधित किया. उन्होंने खाद्य पैकेजिंग के लिए वैकल्पिक प्रौद्योगिकियों के आविष्कार की तात्कालिकता पर जोर देते हुए ये बातें कहीं.

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उद्घाटन सत्र ने कोडेक्स के भविष्य और आने वाले दशक में अधिक से अधिक कोडेक्स भागीदारी के लिए क्षमता बढ़ाने की अनिवार्यता पर दो प्रबुद्ध पैनल चर्चाओं का मार्ग प्रशस्त किया. मसालों और पाक जड़ी-बूटियों पर कोडेक्स समिति की मेजबानी, खाद्य स्वच्छता और दूषित पदार्थों पर अलग-अलग सत्रों की सह-मेजबानी और कोडेक्स प्रणाली के भीतर कार्य समूहों की अध्यक्षता और सह-अध्यक्षता जैसी उल्लेखनीय उपलब्धियों के साथ कोडेक्स (CODEX) गतिविधियों में भारत की बढ़ती भागीदारी को मान्यता दी गई.