मूडीज रेटिंग्स ने पूंजीगत व्यय और घरेलू खपत में तेजी को देखते हुए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर का अनुमान 6.6 फीसदी से बढ़ाकर करीब आठ फीसदी कर दिया. यह अनुमान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के बयान के एक दिन बाद आया है. बयान में उन्होंने कहा था कि तीसरी तिमाही के आधिकारिक जीडीपी आंकड़ों को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि आठ फीसदी के करीब हो सकती है. 

6.6% से बढ़ाकर 8% किया

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मूडीज का ताजा अनुमान नवंबर 2023 में जताये गये 6.6 फीसदी के अनुमान से 1.40 फीसदी अधिक है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में 8.4 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया है. इसने पहली और दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान को भी संशोधित कर क्रमशः 8.2 फीसदी और 8.1 फीसदी कर दिया है. जबकि पहले इसके 7.8 फीसदी और 7.6 फीसदी रहने की बात कही गयी थी. 

G-20 देशों में भारत का ग्रोथ सबसे तेज रहने की उम्मीद

मूडीज ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि भारत जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था होगा. इसकी वास्तविक जीडीपी वृद्धि मार्च, 2024 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष में आठ फीसदी के आसपास रहेगी जो वित्त वर्ष 2022-23 में सात फीसदी थी. रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी पूंजीगत व्यय के साथ मजबूत घरेलू खपत भारत की आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करेगी. इसके साथ ही, चीन के अलावा दूसरी जगह ठिकाना बनाने वाली कंपनियों की रणनीतियों से उत्पन्न वैश्विक व्यापार और निवेश के अवसरों से भारत लाभ उठाने को तैयार है. 

महंगाई में कमी आएगी

महंगाई के बारे में इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि भारत की महंगाई 2023-24 में कम होकर 5.5 फीसदी पर होगी. जबकि 2022-23 में यह 6.7 फीसदी थी. आने वाले समय में महंगाई में कमी से मौद्रिक नीति के स्तर पर नरमी देखने को मिलेगी.’’