Monsoon 2023: देश इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है. लगातार पारा चढ़ रहा है. ऐसे में सिर्फ बारिश ही इस तपिश से राहत दे सकती है. लेकिन, मौसम विभाग का ताजा अपडेट आपको चिंता में डाल सकता है. दरअसल, मॉनसून 2023 को लेकर IMD ने नया अपडेट जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक, देश में मॉनसून की एंट्री में देरी हो सकती है. आमतौर पर 1 जून तक केरल में मॉनसून की एंट्री होती है. लेकिन, इस बार ये 4 जून तक दस्तक देगा. मॉनसून में देरी कृषि और आम पब्लिक दोनों के लिए अच्छी खबर नहीं है.

मॉनसून को लेकर क्या है IMD का अनुमान

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मॉनसून सीजन की शुरुआत जल्द होगी. मौसम विभाग (IMD) ने अपने पहले अनुमान में बताया था कि इस साल देश में सामान्य मॉनसून (Normal monsoon) रह सकता है. साल भर औसत 96% बारिश होने का अनुमान है. 1 जून को आमतौर पर केरल में मॉनसून दस्तक देता है. लेकिन, इस बार अल नीनो (El nino) का असर दिख सकता है. फिलहाल, नए अपडेट में मौसम विभाग का मानना है कि 4 जून तक मॉनसून दस्तक दे सकता है. हालांकि, इसमें और देरी की भी संभावना है.

स्काईमेट ने भी देरी का जताया था अनुमान

वेदर रिपोर्ट जारी करने वाली प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट ने भी मॉनसून में देरी का अनुमान जताया है. स्काईमेट का कहना है कि इस साल मॉनसून में देरी हो सकती है. स्काईमेट के फाउंडर-डायरेक्टर जतिन सिंह के मुताबिक, इस बार मॉनसून केरल में 1 जून के बजाए 7 जून तक दस्तक दे सकता है. 15 दिन के अनुमान के मुताबिक, मॉनसून की शुरुआत कमजोर हो सकती है. वहीं, इसमें और देरी की भी संभावना है. वहीं, नॉर्थ इंडिया में 18 मई को मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है. आंधी आने की संभावना है.

कितनी बारिश होगी?

IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, देशभर में औसत 96% बारिश होने की संभावना है. ये मॉनसून (Monsoon 2023) की सामान्य स्थिति है. हालांकि, सामान्य और सामान्य से ज्यादा मॉनसून होने की 67% संभावना है. मतलब अगर आने वाले दिनों में मॉनसून की स्थिति बदलती है तो मॉनसून को लेकर बदलाव देखने को मिल सकते हैं. भारत में मॉनसून और अल नीनो का सीधा संबंध नहीं है. मई के अंतिम हफ्ते में मॉनसून का अगला अपडेट जारी किया जाएगा.

कब आएगा मॉनसून?

आमतौर पर मॉनसून की शुरुआत 25 मई से 1 जून के बीच होती है. इस दौरान मॉनसून केरल में दस्तक देता है. मौसम विभाग के मुताबिक, अमूमन केरल में मॉनसून 1 जून को पहुंचता है. इसके अलावा तमिलनाडु, बंगाल की खाड़ी, कोंकण में भी मॉनसून 15 जून तक सक्रिय होता है. लेकिन, अल नीनो की वजह से इसमें देरी की संभावना है. 4 जून तक केरल में दस्तक दे सकता है.

किसानों के लिए अच्छी नहीं है खबर

वर्षा पर आधारित कृषि क्षेत्र के लिए ये खबर अच्छी नहीं है. दरअसल, सामान्य मॉनसून की स्थिति में बारिश होने से फसलों को फायदा मिल सकता है. हालांकि, कमजोर पड़ने पर पैदावार को नुकसान होने की संभावना रहती है. मॉनसून आने पर किसान खरीफ फसलों (Kharif Crops) में मुख्य रूप से धान की खेती करते हैं. मॉनसून में देरी से धान की खेती को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है.

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