Kulhad wali Chai: बढ़ती ठंड में अब गर्माहट आने वाली है. कुल्हड़ की खुशबू, गर्म चाय की चुस्की और ट्रेन की छुक-छुक, अब जल्द ही एक ही प्लेटफॉर्म पर आने वाली हैं.  रेलवे स्टेशन (Railways Station) पर चाय की तलब अब और बढ़ेगी क्योंकि, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ऐलान किया है कि देश के सभी रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ में चाय जल्द मिलेगी. कुल्हड़ अब स्टेशनों पर पिघलने वाली हानिकारक प्लास्टिक और कागज के टूटते, मुड़ते, भीगते कप से आपको राहत देने वाला है.

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राजस्थान के अलवर के ढीगवाड़ा स्टेशन पर  (Dhigavada Railway station) कुल्हड़ में चाय पीने के बाद रेल मंत्री (Piyush Goel) ने कहा, 'कुल्हड़ में चाय पीने का स्वाद कुछ अलग ही होता है, पर्यावरण को भी बचाता है.' 

फिलहाल 400 स्टेशनों पर कुल्हड़ वाली चाय मिल रही है. लेकिन जब कुल्हड़ देश सभी स्टेशनों पर पहुंचेगा तो प्लास्टिकमुक्त भारत की तरफ भी ये रेलवे का बड़ा कदम होगा.

16 साल बाद लौटेगा कुल्हड़ (kulhad wali chai after 16 years)

साल 2004 से 16 सालों के इंतजार के बाद रेलवे स्टेशनों पर अब कुल्हड़ की वापसी हो रही है. पूर्व रेल मंत्री लालू यादव ने रेलवे में कुल्हड़ में चाय परोस कर सफर के दौरान चाय की चुस्की लेने वालों का मजा दोगुना कर दिया था. लेकिन 2014 आते-आते प्लास्टिक और कागज के कपों ने चुपके से कुल्हड़ को ओल्ड फैशन करार देते हुए स्टेशन से बाहर कर दिया.

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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि खादी ग्रामोद्योग विभाग, रेलवे के साथ मिलकर कुल्हड़ की जल्दी वापसी पर काम कर रहा है.

ओल्ड फैशन नहीं कुल्हड़ 

सेल्फी वाली नई जेनेरेशन हो या तकिए के नीचे डायरी लिखकर सोने वाली जेनेरेशन, दोनों का प्यार कुल्हड़ से उतना ही है. दिल्ली, बनारस, लखनऊ, पटना और हैदराबाद में यूनिवर्सिटी कैंपस के आस-पास 30 साल पहले भी कुल्हड़ वाली चाय के दीवानों की लाइन लगती थी और आज भी लगती है.

हर कैंपस, हर गंगा घाट के आस-पास कोई कुल्हड़ वाली चाय फेमस और फेवरेट है सबकी. यहां स्टूडेंट्स के साथ बड़े-बुजुर्गों की भी उतनी ही भीड़ होती है.

कुल्हड़ से कमाई (Kulhad Making Business)

सरकार के इस कदम से काम लागत में बड़ी कमाई होगी. कुल्हड़ बनाने का काम शुरू करने के बाद आप अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन से संपर्क कर कुल्हड़ की सप्लाई कर सकते हैं. सरकर पहले ही इससे जुड़े ‘कुम्हार सशक्तिकरण’ योजना का ऐलान कर चुकी है. 

पुराने चाक की जगह अब बिजली के नए चाक पर कुल्हड़ बनेंगे तो कम समय में ज्यादा कुल्हड़ बनने से कमाई बढ़ेगी और मेहनत भी कम लगेगा. 

ट्रेंड के मुताबिक, मिट्टी के बरतनों और दियों में अलग-अलग डिजाइन हम देख चुके हैं अब स्टाइलिश कुल्हड़ बनाकर भी कमाई करने का मौका होगा.

कुल्हड़ में चाय-स्वाद के साथ सेहत

मिट्टी के कुल्हड़ में जब गर्म चाय डाली जाती है तो कुल्हड़ की मिट्टी की सौंधी खुशबू चाय का मजा बढ़ाती है और सेहत भी बनाती है. मिट्टी के बरतन क्षारीय (Alkaline) होते हैं जो शरीर के एसिड को कम करने में मदद करते हैं. मिट्टी के बरतन में खाने-पीने से शरीर में कैल्शियम की मात्रा भी पहुंचती है.

सेहत के लिए हानिकारक है प्लास्टिक कप

प्लास्टिक या कागज के कप के कुछ तत्व चाय के गर्म होने की वजह से चाय के साथ घुलकर हानिकारक असर डाल सकते हैं. कांच के कप के भी ठीक से साफ नहीं होने पर हानिकारक बैक्टेरिया के आप तक पहुंचने के खतरा होता है. 

कुल्हड़ अपनाओ, पर्यावरण बचाओ

मिट्टी के बर्तन पर्यावरण के दोस्त हैं. ये बायोडिग्रेडेबल हैं यानी आसानी से बिना धरती को कई नुकसान किए ही गल जाते हैं. प्लास्टिक की तरह ये पृथ्वी को कोई नकसान नहीं पहुंचाते हैं.