अनलॉक 5.0 में देश की अर्थव्यवस्था गति पकड़ने लगी है. आम आदमी से लेकर कारोबारी और नौकरी-पेशा लोगों का जीवन सामान्य हो रहा है. इस बीच अच्छी खबर ये है कि रिजर्व बैंक (RBI) के बाद आईएमएफ यानी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था में तेज सुधार आने की बात कही है. 

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आईएमएफ ने वर्ल्ड इकोनॉमी आउटलुक (World Economic Outlook) में कहा है कि इस साल सभी इमर्जिंग मार्केट और डेवलपिंग इकोनॉमी में गिरावट की आशंका है. इसमें खासतौर पर भारत और इंडोनेशिया जैसी बड़ी इकोनॉमी शामिल हैं, जो कोरोना महामारी को काबू करने में लगातार प्रयास कर रहे हैं. 

भारत के संदर्भ में आईएमएफ ने दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी पर अपने पहले के अनुमान को बदला है. अनुमान के मुताबिक, 2020 में अर्थव्यवस्था में 10.3% की गिरावट की आशंका है.

RBI ने जताई तेजी की उम्मीद

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक में उम्मीद जताई कि अगले कलैंडर साल की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च 2021) यानी चालू वित्त वर्ष के अंतिम तिमाही में जीडीपी में अच्छी ग्रोथ (GDP Growth) में देखने को मिल सकती है. हालांकि आरबीआई गवर्नर ने चालू वित्त में जीडीपी ग्रोथ शून्य से 9.5 फीसदी नीचे रहने का भी अनुमान लगाया है.

भारत बनेगा नंबर-वन

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 10.3 फीसदी की गिरावट दर्ज हो सकती है. लेकिन इसके साथ ही आईएमएफ ने यह भी अनुमान जताया है कि अगले वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 8.8 फीसदी की स्पीड से आगे बढ़ सकती है. और यह दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था फिर से बन सकता है.

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विश्व बैंक ने भी जताया भरोसा

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ विश्व बैंक ने भी अपनी साउथ एशिया इकनोमिक फोकस रिपोर्ट में कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी शून्य से 9.6 फीसदी रह सकती है. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भी भारत की जीडीपी 9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.