india gdp growth rate in 2021-22 मुख्य आर्थिक सलाहकार (chief economic advisor) के वी सुब्रमणियन ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि बढ़ती मांग और मजबूत बैंकिंग क्षेत्र के दम पर चालू वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ रेट (GDP) डबल डिजिट (दहाई अंक) में रहने की उम्मीद है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, के. वी. सुब्रमणियन ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) आंकड़े जारी होने के मौके पर कहा कि कई कारकों से आर्थिक वृद्धि को मजबूती मिल रही है और वर्ष 2021-22 के अंत में इसके दहाई अंक में रहने की उम्मीद है.

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अर्थव्यवस्था कोविड-पूर्व के स्तर से आगे निकल गई

खबर के मुताबिक, आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जुलाई-सितंबर 2021 की अवधि में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही और अर्थव्यवस्था कोविड-पूर्व के स्तर से आगे निकल गई. सुब्रमणियन के मुताबिक, बढ़ोतरी का यह सिलसिला आगे भी कायम रहने की संभावना है. उन्होंने वर्ष 2022-23 में वृद्धि दर के 6.5-7 फीसदी रहने और उसके बाद भी तेजी का दौर बने रहने की उम्मीद जताई.

दशक में भारत की ग्रोथ रेट 

सुब्रमणियन ने कहा कि दूसरी पीढ़ी के सुधारों की मदद से इस दशक में भारत की ग्रोथ रेट सात प्रतिशत से ज्यादा रह सकती है. राजकोषीय घाटे के बारे में सुब्रमणियन ने उम्मीद जताई कि देश चालू वित्त वर्ष में इसे जीडीपी के 6.8 प्रतिशत पर सीमित रखने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा.

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एस एंड पी ने बरकरार रखा अनुमान

वैश्विक रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ने वर्ष 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के पूर्वानुमान को 9.5 प्रतिशत के स्तर पर ही बरकरार रखा है. एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष में महामारी से जुड़ी बंदिशें धीरे-धीरे हटने से अर्थव्यवस्था को पुराने रूप में लौटने में मदद मिली है. वर्ष 2020-21 में महामारी के व्यापक असर से अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत कोरोनावायरस के साथ जीना सीख रहा है.