देश का रत्न और आभूषण निर्यात बीते वित्त वर्ष के दौरान 12.17 फीसदी घटकर 2,65,187.95 लाख करोड़ रुपए रहा. रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (GJEPC) के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. इस दौरान अमेरिका में ऊंची ब्याज दरों और चीन में धीमे सुधार के कारण उद्योग का प्रदर्शन प्रभावित हुआ. वित्त वर्ष 2022-23 में रत्न एवं आभूषण का निर्यात 3,01,925.97 करोड़ रुपए था.

अमेरिका यूरोप है सबसे बड़ा बाजार

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GJEPC के चेयरमैन विपुल शाह ने कहा, ‘पिछला वित्त वर्ष सभी उत्पाद श्रेणियों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण था. ऐसा मुख्य रूप से अमेरिका में ऊंची ब्याज दरों से उत्पन्न मंदी के कारण हुआ, जो इस क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है. इसके अलावा, चीन में कोविड-19 के बाद सुधार की प्रक्रिया धीमी रहने से भी प्रभाव पड़ा.’

पॉलिश्ड हीरों का निर्यात 25.23% घटा

इस बीच, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान तराशे और पॉलिश किए गए हीरों का कुल निर्यात 25.23 फीसदी घटकर 1,32,128.29 करोड़ रुपए रह गया, जबकि 2022-23 की समान अवधि में यह 1,76,716.06 करोड़ रुपए था.पॉलिश वाले कृत्रिम हीरों का अनंतिम सकल निर्यात बीते वित्त वर्ष में 13.79 फीसदी घटकर 11,611.25 करोड़ रुपए रह गया, जो वित्त वर्ष 2022-23 में 13,468.32 करोड़ रुपए था. 

गोल्ड ज्वैलरी का निर्यात 20.57% बढ़ा

हालांकि, अनंतिम आंकड़ों के अनुसार सोने के आभूषणों का कुल निर्यात 2023-24 में 20.57 फीसदी बढ़कर 92,346.19 करोड़ रुपए हो गया, जो 2022-23 में 76,589.94 करोड़ रुपए था.