बजट में सोने पर इम्पोर्ट ड्यूटी को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दिया गया है. बजट में यह घोषणा इंडस्ट्री के उम्मीदों के विपरीत फैसला है, क्योंकि इंडस्ट्री का मानना था कि सोने पर ड्यूटी घटेगी. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इम्पोर्ट ड्यूटी 2.5 प्रतिशत और बढ़ गई है. साल 2013 के बाद पहली बार सोने पर ड्यूटी बढ़ी है. शुक्रवार को बजट में जैसे ही इसकी घोषणा हुई, सोना एक ही झटके में रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गया. घरेलू बाजार में सोने का भाव 35100 रुपये प्रति 10 ग्राम से ऊपर चला गया. 

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ऐसा इसलिए हुआ कि देश में जो सोने की कुल खपत है उसका करीब 97 फीसदी आयात किया जाता है. पिछले साल करीब 982 टन सोने का आयात किया गया. इसीलिए इस फैसले का सोना बाजार पर बड़ा असर हुआ है. सोना कारोबार से जुड़े तमाम संगठनों का कहना था कि यह फैसला इंडस्ट्री के लिए सही नहीं है. इंडस्ट्री को इससे नुकसान होगा. क्योंकि यह तर्क दिया जा रहा है कि सोने पर आयात शुल्क बढ़ने से इसकी तस्करी बढ़ेगी.

संगठनों का कहना है कि सरकार को सोने की तस्करी को रोकने के लिए आयात शुल्क में बढ़ोतरी की जगह कमी करनी चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सरकार का तर्क यह है कि सोना एक अनप्रोडक्टिव वस्तु है, लिहाजा इसमें निवेश को हतोत्साहित किया जाना चाहिए. अगर सोने का आयात कम होगा तो चालू खाते का घाटा कम होगा. इससे इकोनॉमी के लिए राहत की बात होगी. इसलिए सरकार ने यह फैसला किया है. फिलहाल इससे सोने के दाम बढ़ गए हैं और अभी इसमें तेजी का रुख देखने को मिल सकता है.