वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में आज गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स काउंसिल (GST Council) की 42वीं बैठक हुई. यह बैठक वीडियो कांफ्रेंस के जरिए आयोजित की गई है. इस बैठक में राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर मंथन किया गया. 

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हालांकि बैठक में कई मुद्दों को लेकर राज्यों के बीच आपस में कोई सहमति नहीं बन सकी. कलेक्शन में कमी और राज्यों की क्षतिपूर्ति पर आगे और विचार-विमर्श के लिए परिषद की अगली बैठक 12 अक्टूबर को होगी. 

दिनभर चली बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री ने बैठक के फैसलों से अवगत कराया. वित्त मंत्री (Finance Minister) ने कहा कि आज की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. उन्होंने बताया कि इस साल 20,000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति उपकर इकट्ठा की गई है. इसे राज्यों को वितरित किया जाएगा. और यह काम आज ही पूरा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जीएसटी परिषद ने जून, 2022 के बाद भी क्षतिपूर्ति उपकर जारी रखने का निर्णय किया है. 

वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी परिषद ने इसरो, एंट्रिक्स की उपग्रहण प्रक्षेपण सेवाओं को माल एवं सेवा कर दायरे से छूट देने का भी फैसला किया है.

 

आईजीएसटी की क्षतिपूर्ति के लिए 24,000 करोड़ रुपये का वितरण भी अगले हफ्ते तक पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि आईजीएसटी की क्षतिपूर्ति के लिए बिहार के वित मंत्री सुशील मोदी की अगुवाई में एक कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी अध्ययन करेगी कि किन राज्यों में राजस्व संग्रह वाकई कम हुआ है, ऐसे राज्यों को एक फार्मूला के तहत क्षतिपूर्ति दी जाएगी.

निर्मला सीतारामण ने कहा कि किसी भी राज्य को मुआवजे से वंचित नहीं किया जाएगा. राज्यों को कोरोना के चलते जीएसटी कलेक्शन में जो भी नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई की जाएगी. इस विषय पर राज्यों के साथ चर्चा चल रही है. उन्होंने बताया कि लगभग 20 राज्यों ने ऑप्शन एक चुनने के लिए केंद्र को लिखा है.

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12 अक्टूबर को अगली बैठक

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 21 राज्यों ने केंद्र के सुझाये दो विकल्पों में से एक का चयन किया है. लेकिन कुछ राज्यों ने दोनों विकल्पों में से किसी का भी चयन नहीं किया. इसको देखते हुए परिषद की इस बारे में आगे और विचार-विमर्श को लेकर 12 अक्टूबर को फिर बैठक होगी.

 

राज्यों को दिए दो विकल्प

बात दें कि केंद्र ने राज्यों को जीएसटी संग्रह में कमी की भरपाई के लिए बाजार से या फिर रिजर्व बैंक से कर्ज लेने का विकल्प दिया है.

केंद्र के अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में राज्यों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में 2.35 करोड़ रुपये के राजस्व की कमी का अनुमान है. केंद्र के आकलन के अनुसार करीब 97,000 करोड़ रुपये की कमी जीएसटी क्रियान्वयन के कारण है, जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपये के नुकसान की वजह कोविड-19 है. इस महामारी के कारण राज्यों के राजस्व पर प्रतिकूल असर पड़ा है.

केंद्र ने इस कमी को पूरा करने राज्यों को दो विकल्प दिये हैं. इसके तहत 97,000 करोड़ रुपये रिजर्व बैंक द्वारा उपलब्ध करायी जाने वाली विशेष सुविधा से या पूरा 2.35 लाख करोड़ रुपये बाजार से लेने का विकल्प दिया गया है.