सार्वजनिक क्षेत्र की तीन बीमा कंपनियों की वित्तीय हालत सुधारने के लिए सरकार उनमें और पूंजी लगा सकती है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह अनुमान लगाया है. भाषा की खबर के मुताबिक, सरकार ने पिछले साल तीन बीमा कंपनियों- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (National Insurance Company Limited), ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (Oriental Insurance Company Limited) और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (United India Insurance Company) में 5,000 करोड़ रुपये की पूंजी लगाई थी. अधिकारी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर, वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) इस पर फैसला लेगा कि कंपनियों को रेगुलेटरी जरूरतों को पूरा करने के लिए कितनी पूंजी की जरूरत होगी.

GIC की वित्तीय हालात अच्छे नहीं

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अधिकारी ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और इन संस्थाओं में उनकी सॉल्वेंसी मार्जिक को बढ़ाने के लिए पूंजी डाली जाएगी. सॉल्वेंसी मार्जिक वह अतिरिक्त पूंजी है, जिसे कंपनियों को वहन की जा सकने वाली संभावित दावा राशि के अतिरिक्त रखना होता है. इससे विषम परिस्थितियों में कंपनी को सभी दावों का निपटान करने में मदद मिलती है.

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नियामक IRDAI के आदेश के अनुसार, बीमा कंपनियों को जोखिम कम करने के लिए न्यूनतम सॉल्वेंसी रेश्यो 1.5 बनाए रखना चाहिए. सॉल्वेंसी मार्जिन के संदर्भ में जरूरी वैल्यू 150% है. अधिकारी ने कहा कि बजट 2023-24 में बीमा कंपनियों के लिए पूंजी डालने का प्रावधान नहीं किया गया है, लेकिन पूरक मांग के जरिए फंड की मांग की जा सकती है.

तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में डाले गए इतने करोड़

2020-21 के दौरान सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के तीन जनरल इंश्योरेंस कंपनियों में9,950 करोड़ रुपये डाले गए, जिनमें से 3,605 करोड़ रुपये यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस में, 3,175 करोड़ रुपये नेशनल इंश्योरेंस में और 3,170 करोड़ रुपये ओरिएंटल इंश्योरेंस में डाले गए.

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(भाषा इनपुट के साथ)