शुरुआती रुझानों में बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिलता दिख रहा है. वहीं, एनडीए को भी पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले ज्यादा सीटें आती दिख रही हैं. चुनाव के नतीजे आने से ठीक पहले मोदी सरकार ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. सूत्रों की मानें तो वित्त मंत्रालय ने नई सरकार के गठन के बाद पेश होने वाले पूर्ण बजट का खाका तैयार करना शुरू कर दिया है.

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वित्त मंत्रालय के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय को पहले ही इशारा मिल चुका है कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बजट की तैयारियां की जाएं. हालांकि, वित्त मंत्री के एक अधिकारी का कहना है कि नया बजट फरवरी में पेश हुए बजट से कोई खास अलग नहीं होगा. एक-दो चीजें अतिरिक्त जोड़ी जा सकती हैं.

फरवरी में आया था अंतरिम बजट

केंद्र की मोदी सरकार ने 1 फरवरी 2019 को परंपरा के मुताबिक, चुनाव से पहले अंतरिम बजट पेश किया था. लेकिन, बजट पेश करने से पहले ही सरकार ने इशारा दिया था कि यह बजट पूर्ण बजट की ही छवि होगा. बजट डॉक्यूमेंट पर भी कहीं अंतरिम बजट नहीं लिखा गया था. मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली की गैरमौजूदगी में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बतौर वित्त मंत्री (अतिरिक्त प्रभार) बजट पेश किया था. 

FICCI के साथ भी हुई बैठक

वित्त मंत्रालय ने 19 मई को आए एग्जिट पोल के बाद से इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई थीं. वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने सबसे पहले FICCI के अधिकारियों के साथ बैठक की. वहीं, दूसरे उद्योग संगठनों के साथ भी बजट संबंधी बैठकें हो चुकी हैं. सूत्रों की मानें तो मंत्रालय ने दूसरे मंत्रालयों से भी सुझाव मंगाए हैं. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ अधिकारियों को बजट को लेकर डॉक्यूमेंटेशन करने की जिम्मेदारी 19 मई को ही सौंप दी गई थी. 

जुलाई में पेश होगा बजट

सूत्रों की मानें तो नई सरकार के गठन के बाद जुलाई 2019 में पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. अभी कोई तारीख निश्चित नहीं है, लेकिन जुलाई के दूसरे हफ्ते के बाद बजट पेश किया जा सकता है. इसके लिए सुझाव मंगाने शुरू कर दिए गए हैं. वित्त मंत्रालय ने इंडस्ट्रीज से विचार-विमर्श शुरू किया है. सूत्रों के मुताबिक, बुधवार शाम ही सोसायटी ऑफ इंडिया ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के प्रतिनिधियों से वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने मुलाकात की थी.

रफ्तार पकड़ेगा ऑटो सेक्टर?

सूत्रों के मुताबिक, सियाम ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के सामने अपने सुझाव रखे. साथ ही ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को रफ्तार देने के उपाय भी सुझाए हैं. पिछले कुछ समय से ऑटो इंडस्ट्री की ग्रोथ में कमी आई है. SIAM के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में ऑटो सेक्टर की ग्रोथ में 17 फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी. SIAM के मुताबिक, राजनीतिक उथल-पुथल की वजह से ऑटो इंडस्ट्री की रफ्तार कम हुई थी. अब स्थिति साफ होने पर यह सेक्टर रफ्तार पकड़ सकता है.