कर संग्रह कम होने से चालू वित्त वर्ष 2018-19 (अप्रैल-मार्च) के शुरुआती 11 महीनों में भारत का राजकोषीय घाटा बजटीय लक्ष्य का 134.2 फीसदी हो गया है. यह जानकारी शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से मिली.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राजकोषी घाटा बढ़ा

आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से फरवरी तक की अवधि में राजकोषीय घाटा 6.34 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 8.51 लाख करोड़ रुपये हो गया है. महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के शुरुआती 11 महीनों में राजकोषीय घाटा उस साल के लक्ष्य का 120.3 फीसदी था.

फरवरी तक 21.88 लाख करोड़ का खर्च

सरकार का कुल खर्च फरवरी तक 21.88 लाख करोड़ (बजट अनुमान का 89.1 फीसदी) और कुल प्राप्तियां 13.37 लाख करोड़ रुपये (बजटीय अनुमान का 73.4 फीसदी) रहीं. वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में यह बजटीय अनुमान का 79.1 फीसदी था.

 

71,662 करोड़ रुपये की गैर-कर्ज पूंजी प्राप्तियां रहीं

इस अवधि में राजस्व खाते में कुल खर्च 19.15 लाख करोड़ रुपये था और पूंजी खाते में कुल खर्च 2.73 लाख करोड़ रुपये था. कुल प्राप्तियों में 10.93 लाख करोड़ रुपये का निवल कर राजस्व, 1.71 लाख रुपये का गैर-कर राजस्व और 71,662 करोड़ रुपये का गैर-कर्ज पूंजी प्राप्तियां थीं.