वित्त मंत्रालय फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस को ग्रीन क्लाइमेट प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए मिश्रित वित्त साधनों (Blended Finance Instruments) से फंड जुटाने की मंजूरी दे सकता है. सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय इसकी संभावनाएं तलाश रहा है. मिश्रित वित्त में निजी क्षेत्र के निवेश के लिए सार्वजनिक क्षेत्र या परमार्थ के वित्तीय संसाधनों से चरणबद्ध तरीके से लाभ उठाया जाता है. इससे उच्च जोखिम और लंबी अवधि की परियोजनाओं में निजी निवेश को बढ़ावा मिलता है.

निवेशकों को मिलता है फाइनेंशियल रिटर्न

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सूत्रों ने कहा कि मिश्रित वित्त का उपयोग नए और उभरते क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देता है. इससे निवेशकों को फाइनेंशियल रिटर्न मिलता है और विकास में योगदान देने वाली परियोजनाओं को पूंजी मिलती है. सूत्रों ने कहा कि अभी इसकी समीक्षा की जानी है और मंत्रालय अभी इस बारे में हर नजरिये से विचार कर रहा है.

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2070 तक नेट जीरो एमिशन हासिल करेगा भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में ग्लासगो में घोषणा की थी कि भारत 2070 तक नेट जीरो एमिशन के लक्ष्य को हासिल करेगा. मिश्रित वित्त इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद कर सकता है. पिछले साल, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ग्लासगो सम्मेलन में घोषित प्रधान मंत्री की 'पंचामृत' रणनीति को उन्नत जलवायु लक्ष्यों में शामिल करते हुए भारत के अपडेटेड राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को मंजूरी दी थी.

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अपडेटेड एनडीसी के अनुसार, भारत अब 2005 के स्तर से 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 45% तक कम करने और 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से लगभग 50% संचयी विद्युत ऊर्जा स्थापित क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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