LTCG : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने रविवार को कहा कि बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स हटाने का फैसला इसलिए नहीं लिया गया, क्योंकि सरकार को इससे अब तक कोई फायदा नहीं मिला. उन्होंने कहा कि बाजार की स्थिति खराब रहने के कारण इस टैक्स की उपयोगिता की जांच नहीं हो पाई, इसलिए सरकार इससे प्राप्त रिटर्न का आकलन नहीं कर पाई है. उन्होंने यह बात बजट में इस टैक्स को नहीं हटाने को लेकर पूछे गए सवाल पर कही. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, वित्तमंत्री (Finance Minister) ने कहा कि अगर बाजार ऊंचाई पर होता तो हम यह आकलन कर पाते कि इससे हमें कितनी राशि मिली. हमें कोई फायदा नहीं मिला इसलिए यह यथावत है.

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एलटीसीजी को बरकरार रखने के फैसले के संबंध में वित्तमंत्री ने बताया कि बाजार ही नहीं बल्कि अनेक दूसरे लोगों की भी मांग थी. हमने कुछ एडजस्टमेंट करने की कोशिश की. हमने डीडीटी (DDT) का समायोजन किया, लेकिन एलटीसीजी का नहीं. उन्होंने कहा कि एलटीसीजी तो पहले लाई गई थी. इससे कुछ फायदा हम देखते कि इससे पहले बाजार ने गोता लगाया और इससे हमें कोई बड़ा रिटर्न नहीं मिला."

वित्तमंत्री ने कहा कि अगर टैक्स बहुत कुछ नहीं दे रहा है, जो उसे वापस लेना सही नहीं है क्योंकि हमें इसका आकलन भी नहीं है कि इससे क्या मिलेगा. बाजार में अधिकांश लोगों को अनुमान था कि सरकार इसे वापस ले सकती है. एक साल से अधिक समय के म्यूचुअल फंड (mutual fund) इक्विटी में निवेश पर रिटर्न को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स कहा जाता है.

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इस पर किसी वित्त वर्ष में एक लाख रुपये से अधिक की रकम पर 10 प्रतिशत टैक्स लगता है. इसे 2016 में दोबारा शुरू किया गया था. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2020 में डीडीटी यानी डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को हटा दिया, लेकिन यह शेयरधारक की आय में शामिल रहेगी.