देश में औद्योगिक उत्पादन में बड़ी कमी दर्ज की गई है. दरअसल फरवरी महीने में इंडस्ट्रियल प्रोडक्श्न रेट 1.4 फीसदी से गिरकर 0.1 प्रतिशत पर आ गई. पिछले 20 महीने में यह सबसे कम है. एक तरफ जहां उत्पादन में कमी आई है वहीं महंगाई बढ़ी है. देश में महंगाई दर 2.57 प्रतिशत से बढ़कर 2.86 प्रतिशत पर पहुंच गई है. सोमवार को शेयर बाजार खुलने पर इन आंकड़ों का असर बाजार पर देखा जा सकता है. बाजार के जानकारों के अनुसार इन कमजोर आंकड़ों के आने से शेयर बाजार में गिरावट की आशंका बनी हुई है. यदि बाजार में गिरावट आती है तो म्युचूअल फंड्स के रिटर्न पर भी इसका असर देखा जाएगा.

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अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर

जानकारों के अनुसार कई क्षेत्रों में उत्पादन की कमी के चलते औद्योगिक उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है. औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में काफी महत्व होता है. इससे पता चलता है कि उस देश की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक वृद्धि किस गति से हो रही है. IIP के अनुमान लगाने के लिए 15 एजेंसियों से आंकड़े लिए जाते हैं. इसमें डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन, सेंट्रल स्टेटिस्टिकल आर्गेनाइजेशन, इंडियन ब्यूरो ऑफ माइंस और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी शामिल हैं.

ऐसे होता है आंकलन

IIP इंडेक्श में शामिल वस्तुओं को तीन समूहों मैन्युफैक्चरिंग,माइनिंग और इलेक्ट्रिसिटी में विभाजित किया जाता है. फिर इन्हें कैपिटल गुड्स, बेसिक गुड्स, इंटरमीडिएट गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स जैसी उप-श्रेणियों में बांटा जाता है.

उम्मीद से बेहद खराब रहे आंकड़े

जानकारों के अनुसार आईआईपी ग्रोथ के गिरने का अनुमान पहले से था. लेकिन सामाने आए आंकड़े उम्मीदों से काफी कम है. गाड़ियों की बिक्री में गिरावट का असर भी इन आंकड़ों पर साफ देखा जा रहा है. नई सरकार के आने के बाद यदि बेहतर नीतियों पर काम शुरू होता है तो औद्योगिक उत्पादन पर एक बार फिर बेहतर असर देखा जाएगा. फिलहाल जो आंकड़े सामने आए हैं उनके चलते अगले कुछ महीनों तक औद्योगिक उत्पादन धीमा रहने की संभावना है. RBI ब्याज दरें कम कर इसे सहारा दे सकता है.