Atta, Maida Export: त्योहारी सीजन में आटा, मैदा की कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के उद्देश्य से सरकार ने दो बड़े फैसले लिए हैं. पहला- अब गेहूं के आटे (Atta), मैदा (Maida) और सूजी (Suji) का एक्सपोर्ट करने से पहले पहले निर्यातकों को एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल (Export Inspection Council) से क्वालिटी सर्टिफिकेट लेना होगा. दूसरा- केंद्र की मोदी सरकार ने 14 अगस्त से मैदा, सूजी और सभी प्रकार के गेहूं के आटे (आटा) के शिपमेंट पर प्रतिबंध लगा दिया. इन कमोडिटीज के निर्यातकों को अब गेहूं एक्सपोर्ट पर अंतर-मंत्रालयी समिति की मंजूरी की जरूरत होगी.

आटे, मैदा के एक्सपोर्ट शिपमेंट के लिए क्वालिटी सर्टिफिकेट जरूरी

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गेहूं के आटे, मैदा और सूजी के निर्यातकों को एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल से क्वालिटी सर्टिफिकेट लेना होगा. जुलाई में वाणिज्य मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने कहा था कि इन वस्तुओं के निर्यातकों को निर्यात के लिए गेहूं के निर्यात पर अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC) की मंजूरी की आवश्यकता होगी.

DGFT ने कहा, एक्सपोर्ट पॉलिसी या गेहूं का आटा, मैदा, सूजी (रवा या सिरगी), साबुत आटा जैसी सामग्री नियंत्रणमुक्त है, लेकिन एक्सपोर्ट के लिए गठित अंतर मंत्रालय समिति की सिफारिश की जरूरत होगी. आईएमसी द्वारा अनुमोदित सभी निर्यात की अनुमति दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन काउंसिल या EIAs (एक्सपोर्ट इंस्पेक्शन एजेंसी) द्वारा क्वालिटी सर्टिफिकेट जारी करने के बाद दी जाएगी.

गेहूं के निर्यात पर बैन

वर्ष 2021-22 में, भारत ने 24 करोड़ 65.7 लाख डॉलर के आटे का निर्यात किया था. मई में भारत ने भीषण गर्मी से फसल के प्रभावित होने के कारण गेहूं की ऊंची कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इसके एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था.