आर्थिक सर्वे 2019-20 संसद में पेश कर दिया गया है. सरकार ने पिछले पांच साल के रिफॉर्म के अलावा नए रिफॉर्म्स का रोडमैप भी तैयार किया है. सरकार ने बताया कि आने वाले समय में आर्थिक ग्रोथ में तेजी देखने को मिल सकती है. सरकार ने बताया है कि इस साल देश की आर्थिक ग्रोथ बेहतर रहने का अनुमान है. यह 7 फीसदी की ऊपर रह सकती है. आर्थिक सर्वे में इकोनॉमिक रफ्तार के अलावा भी कुछ बातें बताई गई हैं. 

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पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार

आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि देश में पर्याप्त रूप से विदेशी मुद्रा भंडार है. सरकार का मानना है कि आगे भी विदेश मुद्रा भंडार में कमी नहीं आएगी. 14 जून तक के आंकड़े के मुताबिक, देश में कुल 42220 करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है.

निवेश बढ़ने का भरोसा

मोदी सरकार का पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा जोर निवेश पर रहा है. घरेलू निवेश के अलावा विदेशी निवेश को बढ़ाने के लिए कई अहम बदलाव किए गए. आर्थिक सर्वे के मुताबिक, पिछले कुछ समय में विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है. शेयर बाजार में भी विदेशी निवेशकों ने निवेश बढ़ाया है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2018-19 में नेट FDI में 14.1 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखने को मिली है.

 

क्रेडिट ग्रोथ में हुआ सुधार

आर्थिक सर्वे में बैंकों के एनपीए को लेकर भी बात की गई है. आर्थिक सर्वे के मुताबिक, एनपीए की सबसे ज्यादा समस्या सरकारी बैंकों में है. एनपीए की वजह से ही सरकारी बैंकों की बैलेंसशीट पर असर पड़ा है. हालांकि, पिछले कुछ समय में क्रेडिट ग्रोथ में तेजी देखने को मिली है. साल 2018 की दूसरी छमाही में क्रेडिट ग्रोथ में अच्छी तेजी आई है. 

इंडस्ट्रियल आउटपुट में तेजी

आर्थिक सर्वे के मुताबिक, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में ग्रोथ से इंडस्ट्रियल आउटपुट में भी तेजी देखने को मिली है. IIP ग्रोथ पिछले कुछ समय में बेहतर हुई है. साथ ही MSME सेक्टर को कर्ज देने की रफ्तार तेज हुई. 2018-19 में भारत उभरती हुई इकोनॉमी में सबसे आगे रहा.