वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की जनवरी में होने वाली अगली बैठक में आवासीय संपत्तियों पर कर में कमी और एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयों के लिए जीएसटी में पंजीकरण की अनिवार्यता के लिए कारोबार की सीमा ऊंची करने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा. अभी केवल 20 लाख से अधिक के सालाना कारोबार करने वाली इकाइयों के लिए जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य है.

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लॉटरी पर कर पर भी होगा विचार

छोटे आपूर्तिकर्ताओं पर एकमुश्त कर योजना, आपदा के समय राहत कार्य के लिए संसाधन जुटाने के लिए उपकर लगाने के प्रावधान और लॉटरी पर कर की दर के मुद्दे पर भी विचार किया जाएगा. वर्तमान में ऐसी रीयल एस्टेट संपत्तियों के खरीदारों से जीएसटी नहीं ली जाती, जिन्हें बिक्री के समय काम पूरा होने का प्रमाणपत्र मिल चुका है. हालांकि निर्माणाधीन और ऐसी तैयार संपत्तियों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लागू है, जिन्हें बिक्री के समय काम पूरा होने का प्रमाणपत्र नहीं जारी नहीं हुआ है.

 

केंद्रीकृत अपीलीय प्राधिकारण को मंजूरी 

जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद ने शनिवार को जीएसटी अधिनियम में संशोधन कर एक अग्रिम शासन के लिए केंद्रीय अपीलीय प्राधिकरण (एएएआर) के गठन को मंजूरी दे दी. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, जीएसटी परिषद ने यहां अपनी 31वीं बैठक में एएएआर के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है, जो दो या दो से अधिक राज्य अपीलीय प्राधिकरण के परस्पर विरोधी निर्णय के मामलों को निपटाएगा.

इसके अलावा परिषद ने 'सीजीएसटी अधिनियम की धारा 50' में संशोधन को मंजूरी प्रदान कर दी है, जिससे करदाता के शुद्ध कर दायित्व पर स्वीकार्य इनपुट टैक्स क्रेडिट को ध्यान में रखने के बाद ब्याज लगाया जाएगा.

(इनपुट एजेंसी से)