Price Capping of Raw Jute: जूट उद्योग के लिए एक राहत की खबर है. सरकार ने जूट (Jute) की अधिकतम कीमत पर लगी रोक को 20 मई से हटाने का फैसला किया है. इससे इंडस्ट्री के लिए कच्चे जूट (Capping of Raw Jute) की उपलब्धता बढ़ेगी. बता दें, पिछले हफ्ते ही टेक्सटाइल मंत्री ने इस मुद्दे पर मीटिंग की थी. वाणिज्य, टेक्सटाइल और कृषि सचिव को निर्देश दिए थे. सरकार के इस फैसले से किसानों, मिल और जूट (Jute) से जुड़े एमएसएमई सेक्टर को फायदा मिलेगा. 

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निर्यात को भी फायदा होगा

खबर के मुताबिक, कीमतों में गिरावट के ट्रेंड से जूट के सामानों के निर्यात को भी फायदा होगा जो मूल्य के संदर्भ में उद्योग के कारोबार का लगभग 30% है. केंद्र सरकार ने कच्चे जूट व्यापार की बाजार की गतिशीलता की जांच के बाद कच्चे जूट के टीडी5 ग्रेड के लिए निर्धारित मूल्य सीमा 6500/- रुपये प्रति क्विंटल पर से रोक (Price Capping of Raw Jute) हटा दी है. यह नियम 30 अप्रैल, 2021 को जूट मिलों और दूसरे आखिरी यूजर द्वारा हुई कच्चे जूट की खरीद पर लागू होगा. 

कच्चे जूट की मौजूदा कीमतें

जूट (Jute) आयुक्त ऑफिस औपचारिक और अनौपचारिक स्रोतों के जरिये कच्चे जूट की कीमतों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहा है और यह पाया गया है कि वर्तमान कीमतें कैप्ड मूल्य के करीब चल रही हैं. चूंकि कच्चे जूट की मौजूदा कीमतें लगभग 6500 रुपये प्रति क्विंटल है. बता दें, भारत सरकार ने 20 मई 2022 से मूल्य सीमा हटाने का फैसला लिया है.

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बड़ी संख्या में किसान जूट व्यापार पर निर्भर

इस फैसले के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि कैप हटाने (Price Capping of Raw Jute) से किसानों, मिलों और जूट एमएसएमई क्षेत्र को मदद मिलेगी, जिसमें लगभग 40 लाख जूट किसानों के अलावा 7 लाख से ज्यादा लोग जूट (Jute) व्यापार पर निर्भर हैं. कीमतों में घटती प्रवृत्ति से जूट वस्तुओं के निर्यात को भी फायदा होगा जो मूल्य के संदर्भ में उद्योग के कारोबार का लगभग 30% है.