वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, शनिवार को संसद में बजट (BUDGET 2020) पेश करेंगी. इस बजट पर आम आदमी से लेकर कारोबारी और नौकरीपेशा, समाज के सभी वर्गों की निगाह लगी हुई हैं. बजट में सरकार कुछ बड़े ऐलान कर सकती है. यहां इनकम टैक्स में राहत मिल सकती है तो अगले साल के लिए कुछ नए नियमों की बात हो सकती है.

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जब आप बजट का भाषण सुनते हैं तो वित्त मंत्री अलग-अलग साल के बारे में बताते हैं. फाइनेंशियल ईयर, असेसमेंट ईयर, प्रीवियस ईयर जैसे ईयर का बार-बार जिक्र होता है. बजट को जानने से पहले इन वर्षों का मतलब समझना जरूरी है. 

फाइनेंशियल ईयर

इन तमाम वर्षों में सबसे अहम है फाइनेंशियल ईयर (Financial Year). क्योंकि बजट फाइनेंशियल ईयर के लिए ही बनता है. इस बजट में फाइनेंशियल ईयर का मतलब 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च, 2020 के लिए है. इस साल पूरा बजट इन 12 महीनों के लिए बनेगा. 

 

असेसमेंट ईयर

फाइनेंशियल ईयर के बाद नाम आता है असेसमेंट ईयर का. असेसमेंट ईयर वह साल होता है जहां फाइनेंशियल ईयर की कमाई के ऊपर जब आप टैक्स भरते हैं और उसके लिए रिटर्न भरते हैं तो उस साल का असेस किया जा रहा है. यहां 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक का असेसमेंट ईयर होगा.

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प्रीवियस ईयर

कई बार वित्त मंत्री पुराने आकंड़ों का उल्लेख करते हैं. बताते हैं कि पिछले साल क्या हुआ था. वहां उनका मतलब प्रीवियस ईयर से होता है. यहां प्रीवियस ईयर 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 तक है.