Budget 2023 Expectation: देश के बजट का वक्त आ चुका है. 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट भाषण पढ़ेंगी. हर साल की तरह इस साल भी बजट (Union Budget) से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं. खासकर टैक्सपेयर्स (Taxpayer) को इस बार बहुत कुछ सुनना है. 9 साल हो गए टैक्स के मामले में कुछ बड़ा हुए. इसलिए इस साल का बजट काफी अहम है. कई मामलों में महत्वपूर्ण है. वित्त मंत्री भी तमाम उद्योगों, सेक्टर्स और मंत्रालयों से उनकी विश लिस्ट मंगवा चुकी हैं. अब बस इंतजार उस पल का है, जब घड़ी के कांटे में 10 बजेंगे और वित्त मंत्री संसद की पटल पर रखे बजट को पढ़ना शुरू करेंगी. हेल्दी इंडिया वेल्दी इंडिया वाली थीम पर बजट में कुछ ऐलान हो सकते हैं. इनमें एक है इंश्योरेंस का दायरा खोलना.

इंश्योरेंस पर मिले टैक्स छूट!

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इंश्योरेंस के मामले में हमारा देश अभी काफी पीछे है. लोग इसे बेकार का खर्च समझते हैं. लेकिन, ये एक तरह से आपका इमरजेंसी फंड है. लेकिन, टैक्स में इसका कोई खास फायदा नहीं. क्योंकि, ये भी बाकी सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स की तरह इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत की टैक्स छूट में शामिल है. लेकिन, कोरोना के बाद से लोगों को इसकी अहमियत नजर आई है. इनकी संख्या में काफी तेजी आई है. लेकिन, टैक्सपेयर्स को इस मामले में अब छूट का इंतजार है.

Budget 2023 में मिल सकती है टैक्स छूट

बजट 2023 (Budget 2023) से उम्मीदें है कि टैक्सपेयर्स को बड़ी मिल सकती है. सूत्रों के मुताबिक, बजट में टैक्सपेयर के लिए लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) में छूट के दायरे को बढ़ाया जा सकता है. मतलब इनकम टैक्स (Income tax) एक्ट के सेक्शन 80C (Section 80C) से इंश्योरेंस प्रोडक्ट को बाहर किया जा सकता है. मौजदा नियमों में EPF, PPF और लाइफ इंश्योरेंस जैसे प्रोडक्ट 80C के तहत टैक्स छूट के दायरे में आते हैं. इनकी लिमिट सिर्फ 1.50 लाख रुपए है. सूत्रों की मानें तो इस बार लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को 80C के तहत दूसरे सब-सेक्शन में जोड़ा जा सकता है. मतलब 80C में ही अतिरिक्त छूट का प्रावधान बनाया जा सकता है. इससे टैक्सपेयर्स के पास 1.50 लाख से ज्यादा टैक्स छूट लेने का ऑप्शन होगा.

इंश्योरेंस को 80C से बाहर करने पर क्या होगा?

इनकम टैक्स (Income Tax) 80C के तहत मिलने वाली छूट में लाइफ इंश्योरेंस को अलग करने की डिमांड रखी गई है. मौजूदा सिस्टम में सेक्शन 80C में सभी सेविंग ऑप्शन को जोड़ा जाता है. इसकी लिमिट भी सिर्फ 1.50 लाख रुपए है. ऐसे में अगर लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम को 80C से बाहर रखा जाता है तो इसकी पहुंच और बढ़ेगी. टैक्स सेविंग के लिए अलग ऑप्शन मिलेगा. इससे डिमांड में भी तेजी आएगी. एक अलग सेक्शन टैक्सपेयर्स को न सिर्फ पैसा बचाने में मदद करेगा, बल्कि निवेश की तरफ भी झुकाव बढ़ेगा.

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