सरकार बजट 2020 में नौकरीपेशा (Salary Class) को टैक्‍स में बड़ी राहत दे सकती है. क्‍योंकि फाइनेंस मिनिस्‍ट्री ने वित्त मंत्रालय ने अगले बजट की तैयारी शुरू कर दी है. साथ ही एक सर्कुलर जारी कर इंडस्‍ट्री और ट्रेड यूनियनों से प्रत्यक्ष (Direct) और अप्रत्यक्ष (Indirect) टैक्‍स में बदलाव के बारे में सुझाव मांगे हैं. आपको बता दें कि फाइनेंस मिनिस्‍ट्री ने पहली बार सर्कुलर जारी कर राय मांगी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2020-21 का बजट एक फरवरी 2020 को पेश करेंगी.

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FM ने अपने पहले बजट के कुछ दिन बाद ही इकोनॉमी को बूस्‍ट करने के लिए अतिरिक्त उपायों की घोषणा की थी. अब वह और सुधार चाहती हैं. इसके लिए फाइनें‍स मिनिस्‍ट्री के राजस्व विभाग ने सर्कुलर जारी कर नौकरीपेशा और कंपनियों के लिए आयकर दरों में बदलाव के साथ ही उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क जैसे अप्रत्यक्ष करों में बदलाव के लिए सुझाव मांगे हैं.

11 नवंबर के इस सर्कुलर में इंडस्‍ट्री एसोसिएशन, चैंबर से टैक्‍स स्‍लैब, टैक्‍स रेट में संशोधन और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष करों के लिए कर दायरा बढ़ाने के बारे में राय मांगी है. फाइनेंस मिनिस्‍ट्री ने कहा कि जो भी सुझाव दिए जाएं, वे व्‍यावहारिक होने चाहिए. सर्कुलर में कहा गया है कि सुझाव और विचारों के साथ आंकड़े भी दिए जाने चाहिए.'

सीतारमण ने 5 जुलाई को अपने पहले बजट के बाद 20 सितंबर को घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्‍स की दर को 30 से घटाकर 22 प्रतिशत करने का ऐलान किया था. इससे सभी तरह के अतिरिक्त शुल्कों को शामिल करने के बाद प्रभावी कॉर्पोरेट कर की दर 25.2 प्रतिशत पर पहुंचती है. 

इसके साथ ही एक अक्टूबर के बाद स्थापित होने वाली सभी मैन्‍युफैक्‍चरिंग कंपनियों के लिए टैक्‍स दर को 15 प्रतिशत रखा गया है. इसमें अतिरिक्त कर और अधिभार सहित यह दर 17 प्रतिशत तक पहुंच जाती है. 

इसके साथ ही नौकरीपेशा के इनकम टैक्‍स स्‍लैब के रेट को घटाने की मांग भी उठी थी जिससे आम आदमी के हाथ में अधिक पैसा बचे और कंजमशन बढ़ाकर देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया जा सके.