Budget 2020: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को बजट 2020 (Budget 2020) जनसंख्या विभाग के बजट में जबरदस्त बढ़ोतरी की है. देशभर में एनपीआर और एनआरसी पर छिड़ी बहस के बीच आम बजट 2020-21 में जनसंख्या, सर्वेक्षण एवं सांख्यिकी और भारत के महारजिस्ट्रार विभाग का कुल बजट (#BudgetOnZee) आवंटन करीब 700 प्रतिशत बढ़ाया गया है. वित्त वर्ष 2019-20 में विभाग के लिए कुल 621.33 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था जिसे 2020-21 के आम बजट में बढ़ाकर 4,568 करोड़ रुपये कर दिया गया है. 

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मौजूदा बजट प्रावधान पिछले बजट के मुकाबले 635.19 प्रतिशत अधिक है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इसमें जनगणना सर्वेक्षण और सांख्यिकी के लिए 4,278 करोड़ रुपये का प्रावधान है जो पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में किए गए 537.33 करोड़ रुपये के प्रावधान से 696.15 प्रतिशत अधिक है. अगले साल अप्रैल से सितंबर के बीच होने वाली इस जनगणना पर 8,500 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है.

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पिछले 130 साल से अधिक समय से चल रही इस कवायद के हर 10 साल में सटीक नतीजे सामने आते हैं. भारत के विभिन्न भागों में 1872 में पहली जनगणना हुई थी. इससे पिछली बार देश में 15वीं राष्ट्रीय जनगणना 2011 संपन्न हुई. साल 2011 की जनगणना में 35 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों, 640 जिलों, 5924 उप जिलों, 7935 कस्बों और 6,40,867 गांवों की प्रशासनिक सीमाओं के दायरे में परिवर्तन के बारे में सूचनाएं इकट्ठा की गई.