केंद्र में मोदी सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट की अंतिम घंड़ियां आ गई हैं. कल यानी शुक्रवार को वित्त मंत्री पीयूष गोयल अंतरिम बजट पेश करेंगे. संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है. देश के आर्थिक सेक्टरों की धड़कनें भी बढ़ने लगी हैं. वहीं किसान भी आंखों में राहत की आस लगाए सरकार की तरह देख रहा है. हालांकि बजट से पहले केंद्र सरकार ने सूखा राहत पैकेज ऐलान किया था. लेकिन यह महाराष्ट्र समेत कुछ ही राज्यों के लिए था. 

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बजट से पूर्व यह चर्चा जोरों पर थी कि केंद्र सरकार कृषि पैकेज की घोषणा कर सकती है. लेकिन इसके लिए कैबिनेट की बैठक नहीं पाई थी और इस पैकेज के लिए 15,000 करोड़ का फंड भी बनाने की योजना थी. लेकिन इस पैकेज का ऐलान नहीं हो सका. अब सबकी निगाहें शुक्रवार को पेश होने वाले बजट पर टिकी हुई हैं.

किसानों को मिल सकता है यह फायदा

जानकारी मिली है कि खाद्य फसलों के लिए बीमा पॉलिसी लेने वालों किसानों के लिए पूरी तरह से प्रीमियम माफ करने का प्रस्ताव है. सरकार ने तेलंगाना और ओडिशा सरकारों द्वारा अपनाई गई योजनाओं का मूल्यांकन किया है, जिसके तहत एक निर्धारित रकम सीधे किसानों के खातों में डाली जाती है. इसके अलावा सरकार लघु और सीमांत किसानों को 4 या 5 हजार रुपये प्रति एकड़/ प्रति वर्ष की मदद करने की घोषणा कर सकती है. 

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ब्याज दर में छूट

कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समय पर ऋण चुकाने वाले किसानों को अधिक राहत देने की बात कही थी. मोदी सरकार किसानों को राहत देने के लिए फसली ऋण की ब्याज दरों में कटौती कर सकती है. इसके अलावा समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों के लिए फसली ऋण पर ब्याज राशि खत्म की जाने की उम्मीद है. 

KCC का दायरा बढ़ सकता है

केंद्र सरकार बजट में पशुपालक, मछली पालन में लगे किसान, छोटे और मझोले किसानों के लिए ऋण की सुविधा बढ़ा सकती है. जानकार बताते हैं कि किसान क्रेडिट कार्ड पर 5 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज छूट का ऐलान हो सकता है. सस्ते लोन से छोटे-मझोले किसानों को फायदा होगा. 

अभी केसीसी के तहत 3 लाख रुपये तक का लोन पर मिलता है. इतना ही नहीं पशुपालन, मछलीपालन से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड 15 हजार करोड़ रुपये किया जा सकता है. अभी इस मद में 10 हजार करोड़ का फंड देने का प्रावधान है.