बैंक ऑफ इंग्लैंड ने ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. इंटरेस्ट रेट को 5.25 फीसदी पर बरकरार रखा गया है. मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी ने 5-4 के आधार पर इंटरेस्ट रेट अपरिवर्तित रखने का ऐलान किया.  MPC के 9 सदस्यों में 4 सदस्य इंटरेस्ट रेट को 25 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाने के पक्ष में थे. इसके अलावा यूके सरकार की तरफ से इकोनॉमी को सपोर्ट करने के लिए बॉन्ड परचेज को भी घटाने का फैसला किया गया है.

फेडरल रिजर्व ने इंटरेस्ट रेट को स्थिर रखा

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इससे पहले 20 सितंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने भी ब्याज दरों को स्थिर  रखने का फैसला किया. FOMC की 2 दिनों की बैठक के बाद ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला लिया गया है. हालांकि, आगे दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं. फेड चेयरमैन ने कहा कि FED का फोकस महंगाई पर लगाम कसने और आर्थिक स्थिरता पर है. 

ECB ने रेट बढ़ाया था

उससे पहले सितंबर में 14 तारीख को यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में फिर से बढ़ोतरी का ऐलान किया था. डिपॉजिट फेसिलिटी रेट को 25 बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाकर 4 फीसदी कर दिया  पहले यह 3.75 फीसदी था. रीफाइनेंसिंग रेट को बढ़ाकर 4.50 फीसदी कर दिया गया जो पहले 4.25 फीसदी था. 

फेड चेयरमैन का बयान

US FED चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि हमारा फोकस महंगाई को काबू करने और आर्थिक स्थिरता पर है.  फिलहाल महंगाई को 2% पर लाने में अभी और समय लगेगा. इसलिए 'Restrictive' पॉलिसी की जरूरत है.  हालांकि, अमेरिका की आर्थिक स्थिति मजबूत है. लेबर मार्केट भी बदलने के संकेत दे रहा है. साथ ही कंजप्शन मजबूत बना हुआ है.

 

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