Success Story: झारखंड के जमशेदपुर के गोलुमरी की आदिवासी महिला दीपाली महतो ने सरकारी मदद से सफलता की नई इबारत लिखी है. वो सजावटी मछली पालन (Ornamental Fish Farming) से लाखों में कमाई कर रही हैं. वो उन महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं, जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हैं. हालांकि, दीपाली महतो के लिए ये मुकाम हासिल करना आसान नहीं था.

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दीपाली महतो ने 2018 में मत्स्य पालन विभाग, झारखंड के प्रशिक्षण केंद्र में एक कौशल प्रशिक्षण प्रोग्राम में भाग लिया. आईसीएआर की रिपोर्ट मुताबिक, उन्होंने Ornamental Fish Farming के बारे में जानकारी ली और अपना पहला उद्यम शुरू किया. उनको कोविड-19 महामारी के दौरान और उसके बाद इनपुट और कौशल के मामले में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. 

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ICAR-CIFRI से मिली मदद

2022 में, आईसीएआर-सेंट्रल इनलैंड फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट, बैरकपुर ने झारखंड के मत्स्य पालन विभाग के परामर्श से जनजातीय उप-योजना के तहत उन्हें और 29 अन्य लाभार्थियों को सहायता प्रदान की. संस्थान ने चयनित लाभार्थियों को एक FRP ऑर्नामेंटल टैंक, ऑर्नामेंटल फिश सीड, मछली का चारा, एक एरिएटर, दवा और अन्य एसेसरीज दिए गए. आईसीएआर-सीआईएफआरआई (ICAR-CIFRI) ने लाभार्थियों के लिए एक ऑनसाइट प्रदर्शन और कौशल प्रशिक्षण आयोजित किया, जिसके बाद 22-24 दिसंबर 2022 तक आदिवासी/अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए 5 दिवसीय प्रशिक्षण-सह-यात्रा कार्यक्रम आयोजित किया गया.

दीपाली महतो ने एक ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जिससे ऑर्नामेंटल मछली पालन के प्रति उनकी जानकारी, कौशल और दृष्टिकोण में काफी बढ़ोतरी हुई. उन्होंने हावड़ा, पश्चिम बंगाल में ऑर्नामेंटल फिश गांवों का दौरा किया, जहां उन्होंने एक्वेरियम के निर्माण, रख-रखाव और लाइवबियरर्स और अंडे की परतों जैसे गप्पी, मौली, प्लैटी और स्वोर्डटेल के प्रजनन का व्यावहारिक जानकारी मिली. 

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3 लाख रुपये का मिला अनुदान

महतो ने प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों तरीकों सहित एक्वैरियम (Aquariums) में मछली की चारा जरूरतों, भोजन के समय, सामान्य बीमारियों, उपचार और मैनेजमेंट सिस्टम के बारे में सीखा. ICAR-CIFRI के प्रशिक्षण कार्यक्रम से प्रेरित होकर, उन्होंने झारखंड के राज्य मत्स्य पालन विभाग और डीओएफ के साथ संबंध स्थापित किए और पीएमएमएसवाई योजना (PMMSY Scheme) के तहत पिछवाड़े Ornamental Fish Farm बनाने लिए 3 लाख रुपये का अनुदान मिली.

वर्तमान में, उनके पास 80 टैंक और 50 एक्वैरियम के साथ 450 वर्ग फुट का ऑर्नामेंटल फिश फार्म है, जो 60-70 हजार प्रति वर्ष के कुल निवेश के साथ सालाना 1.5 लाख रुपये कमा रही हैं.