Success Story: झारखंड के रहने वाले सचिन झा एक सफल किसान हैं. सचिन सरकारी न्यूज चैनल में काम करते थे. नौकरी के दौरान वो अक्सर रांची स्थित पहाड़ी और पठारी क्षेत्र के कृषि प्रणाली अनुसंधान केंद्र (ICAR-RCER का FSRCHPR) जाया करते थे. खेती-किसानी को कवरेज करते हुए उन्हें खेती का ऐसा जुनून पैदा हो गया. उन्होंने नौकरी छोड़ दी और FSRCHPR की मदद से परवल की खेती (Parwal Farming) शुरू की. वो झारखंड में परवल की खेती की संभावनाओं को समझते थे. आज सचिन परवल की खेती से एक साल में 14 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

परवल फरवरी से अक्टूबर तक लंबे समय तक फलने का मौसम होने के कारण अत्यधिक पारिश्रमिक वाली फसल है. उत्तर-पूर्वी आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बंगाल, असम, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के बाजारों में मांग बहुत अधिक है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला! धान की खेती न करने वाले किसानों को मिलेंगे ₹7 हजार, 31 जुलाई तक है मौका

25 एकड़ जमीन लीज पर लेकर शुरू की खेती

आईसीएआर के मुताबिक, सचिन ने 2021 में खेती के लिए आनंदी गांव, ओरोमांझी ब्लॉक, रांची में 25 एकड़ जमीन का पट्टे पर लिया. स्वर्ण अलौकिक (Swarna Alaukik), स्वर्ण सुरुचि (Swarna Suruchi) और स्वर्ण रेखा (Swarna Rekha). ये किस्में अधिक उपज देने वाली (औसत उपज 25-30 टन/हेक्टेयर) हैं. स्वर्ण रेखा एक धारीदार किस्म है और स्वर्ण अलौकिक और स्वर्ण सुरुचि बिना धारियों के हल्के हरे रंग की हैं और मेज और मिठाई दोनों की तैयारी के लिए उपयुक्त हैं.

मदर ब्लॉक स्थापना के लिए केंद्र के साथ एक प्रौद्योगिकी लाइसेंस के तहत एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और साथ ही 2021 में संस्थान के एबीआई प्रोजेक्ट के तहत सलाह देने के लिए एक और समझौता ज्ञापन किया गया. मदर ब्लॉक की स्थापना अक्टूबर 2021 में एक हेक्टेयर क्षेत्र में एक ट्रेलिस सिस्टम वर्टिल पर 10,000 पौधों के साथ की गई थी.

ये भी पढ़ें- सरकारी मदद से शुरू करें मछली पालन, हर महीने कमाएं लाखों

मशरूम की खेती से महिलाएं हर महीने कमा रहीं ₹10 हजार, आमदनी बढ़ाने के लिए अब उठाने जा रही ये कदम

परवल की खेती के ब्रांड एंबेसडर हैं सचिन

सचिन झा परवल की खेती के ब्रांड एंबेसडर हैं और अपने साथी किसानों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं कि कैसे खेती एक बिजनेस हो सकता है. पीपीपी मोड के तहत प्रत्येक जिले में 20 प्रदर्शनों के साथ 11 जिलों में झारखंड सरकार के कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग द्वारा परवल की खेती के प्रदर्शन के लिए उनका चयन किया गया है.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें