Strawberry Farming: पहले केवल मौसमी सब्जी की खेती से कम कमाने वाले बृजकिशोर प्रसाद मेहता आज लाखों में कमाई कर रहे हैं. स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) ने बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले बृजकिशोर की जिंदगी में खुशहाली भर दी. आज वो सालाना 7.50 लाख रुपए से ज्यादा कमा रहे हैं. स्ट्रॉबेरी की अच्छी खेती से गांव के अन्य किसान भी प्रभावित हुए और Strawberry की खेती शुरू की.

कैसे मिला Strawberry Faming का आइडिया?

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बृजकिशोर को स्ट्रॉबेरी फार्मिंग का आइडिया उनके बेटे ने दिया. आर्थिक तंगी की वजह से उनका बेटा रोजगार के उद्देश्य से हरियाणा का हिस्सा गया. यह वह एक प्रगतिशील किसान के यहां Strawberry की खेती में काम किया. अपने बेटे के कहने पर बृजकिशोर हिसार स्ट्रॉबेरी की खेती देखने गया और एक महीने रूककर खेती में लागत और आय की जानकारी लिया. वहां का जलवायु और यहां का जलवायु लगभग समान लगा. इसके बाद वो स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए मानसिक रूप से तैयार हो गए.

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ऐसे शुरू हुई Strawberry की खेती

बृजकिशोर के मुताबिक, स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू करने के लिए हिसार से इसके 7 पौधे लाए. इसके बाद लगातार पौधों से पौधा बनाता गया. साल 2014 में 1500 पौधा तैयार कर उसे करीब 2 कट्ठे खेत में लगाकर खेती किया. खेती की शुरुआत करने से पहले बिहार कृषि विभाग उद्यान निदेशालय की ओर से सब्सिडी रेट पर ड्रिप सिंचाई तकनीक और प्लास्टिक मल्च लिया, जो खेती का अहम हिस्सा है.

साल 2015 में खेती को बढ़ाकर करीब 1 एकड़ में किया जिसमें लगभग 25000 पौधा लगाया गया, जिसकी खेती सफल हुई और आय भी अच्छी रही. इसके बाद उनका परिवार सुखी-सम्पन्न जीवन यापन कर रहा है. Strawberry के पौधे पुणे से मंगाते हैं. एक हेक्टेयर में कुल 60,000 पौधे लगाए जाते हैं.

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एक साल में कमा लिए 7.5 लाख रुपए

बृजकिशोर स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) अपनाने से पहले 2 हेक्टेयर में भिंडी और अन्य सब्जी की खेती से सालाना आय 78,500 रुपए थी. स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू करने के बाद 2 हेक्टेयर में समय पर स्ट्रॉबेरी की खेती के बाद अन्य सब्जी की खेती से सालाना 7.5 लाख रुपए कमाई हो रही है.

Strawberry की बिक्री

उनके मुताबिक, स्ट्रॉबेरी की बिक्री की कोई समस्या नहीं है. कोलकाता, बोकारो, रांची, पटना और छत्तीसगढ़ के रायपुर के व्यापारी अपने प्रतिनिधि को उत्पादन के समय गांव भेज देते हैं और वे इन शहरों में जाने वाली बसों के जरिए रोजाना Strawberry भेज देते हैं. बिहार कृषि विभाग ने बृजकिशोर प्रसाद मेहता की सफलता की कहानी बताई. 

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