Trade Exports: भारत ने दक्षिण कोरिया से स्टील (Steel), चावल (Rice) और झींगा (Shrimp) जैसे कुछ उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अधिक बाजार की मांग की है. एक अधिकारी ने कहा, दोनों देशों के बीच मौजूदा फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के अपग्रेडेशन के लिए बातचीत चल रही है. भारत ने वार्ता में इन मुद्दों को उठाया है. इसे आधिकारिक रूप से कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) कहा जाता है. यह समझौता जनवरी, 2010 में परिचालन में आया था. समझौते के अद्यतन पर वार्ता का 10वां दौर चल रहा है.

भारतीय कंपनियों पर दोहरी मार

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अधिकारी ने कहा, हम इस्पात, चावल और झींगा जैसे उत्पादों के लिए अधिक बाजार पहुंच की मांग कर रहे हैं. बैठक में भारत ने दक्षिण कोरियाई कंपनियों द्वारा भारतीय इस्पात नहीं खरीदने का मुद्दे भी उठाया. अधिकारी ने कहा, भारत में कोरियाई कंपनियां भी दक्षिण कोरिया में अपनी स्थानीय कंपनियों को ऑर्डर देती हैं, इसलिए यह भारतीय कंपनियों के लिए दोहरी मार है. वहीं कोरियाई पक्ष ने यहां मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए कहा है.

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दक्षिण कोरिया में चावल पर 513% का आयात शुल्क

चावल पर दक्षिण कोरिया में 5 लाख टन का शुल्क दर कोटा है. इसके तहत उन्होंने 5 देशों– चीन, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, थाइलैंड और वियतनाम को 4.8 लाख टन का कोटा दिया है और बाकी देशों के पास केवल 20,000 टन का कोटा है. अधिकारी ने कहा, भारत अन्य श्रेणी में है. इसलिए हम या तो भारत को विशिष्ट श्रेणी में रखने या अपना कोटा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. दक्षिण कोरिया में चावल पर 513% का आयात शुल्क है. वहीं झींगा पर 5% का आयात शुल्क है.

बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता

दूसरी ओर दक्षिण कोरिया ऑटो कम्पोनेंट्स और केमिकल जैसे क्षेत्रों में अधिक बाजार पहुंच चाहता है. नौवें दौर की भारत-दक्षिण कोरिया सीईपीए अपग्रेडेशन वार्ता 3-4 नवंबर, 2022 में हुई थी. भारत ने बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जताई है. भारत का दक्षिण कोरिया को निर्यात 2022-23 में 6.65 अरब डॉलर रहा था. 2021-22 में यह 8 अरब डॉलर था. वहीं आयात 2022-23 में 21.22 अरब डॉलर और 2021-22 में 17.5 अरब डॉलर था.

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