Minimum Export Price: सरकार ने कहा कि उसकी सभी एग्री कमोडिटीज (उत्पादों) पर मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस (MEP) तय करने की स्पष्ट रूप से कोई योजना नहीं है. वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार का सभी एग्री प्रोडक्ट्स के निर्यात को लेकर ऐसा कदम उठाने का कोई इरादा नहीं है.

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उन्होंने कहा, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि सरकार का सभी एग्री प्रोडक्ट्स पर एमईपी लगाने या निर्यात के नजरिये से सभी कृषि उत्पादों की समीक्षा करने का कोई इरादा नहीं है. ऐसा कोई फैसला नहीं है. सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है.

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प्याज पर एमईपी (MEP on Onion) लगाने के बारे में गौर करने वाली एक अंतर-मंत्रालयी समिति ने हाल ही में बासमती चावल (Basmati Rice) पर ऐसा फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि इस समिति को व्यापक क्षेत्राधिकार मिलने का मतलब यह नहीं है कि समिति हरेक कृषि उत्पाद पर गौर करेगी और उसके लिए एमईपी लगाने की सिफारिश करना शुरू कर देगी.

उन्होंने बताया कि गैर-बासमती सफेद चावल (Non-Basmati White Rice) के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद, भारत ने 14 से अधिक देशों के खाद्य सुरक्षा मसलों को देखते हुए उन्हें निर्यात के लिए 13 लाख टन चावल आवंटित किया है.

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