Dec 29, 2023, 08:35 PM IST
यह फाइबर और न्यूट्रिशंस से भरी हुई होती है. इसमें सभी जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं
जुकिनी सब्जी व सलाद में काम आता है. शुगर और पेट की रोगी के लिए यह सुपाच्य दवा के रूप में कारगर होता है
अक्टूबर से फरवरी तक पहली, फरवरी से अप्रैल दूसरी और अप्रैल से अगस्त तक तीसरी फसल उगायी जा सकती है
बुवाई से पहले जुकिनी की बीज को कार्बोडाइजम, ट्राइकोडरमा व थिरम केमिकल दवा से बीज का उपचार किया जाना चाहिए
₹20 हजार की लागत से एक बिगहा जमीन में 1.50 लाख रुपये तक आमदनी की जा सकती है