Biodegradable Plastic from Bamboo: आईआईटी के रिसर्चर एनवायरनमेंट फ्रेंडली सस्टेनेबल प्लास्टिक बनाने का प्रयास कर रहे हैं. आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati) एनवायरनमेंट फ्रेंडली सस्टेनेबल प्लास्टिक के लिए कच्चे माल के रूप में बांस (Bamboo) का इस्तेमाल कर रहा है. इसके लिए आईआईटी गुवाहाटी ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) की स्थापना भी की है. आईआईटी का मानना है कि मौजूदा प्लास्टिक से जुड़ी पर्यावरणीय चिंताओं के परिणामस्वरूप ऐसे विकल्पों को विकसित करने की तत्काल आवश्यकता है जो लागत व प्रदर्शन में वर्तमान प्लास्टिक (Plastic) जैसे या उससे बेहतर हों.

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आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati)  में पहला बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक (Biodegradable Plastic) प्रोडक्शन पायलट प्लांट लगाया गया है. इस प्लांट में अलग-अलग बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक उत्पादों जैसे कि कंपोस्टेबल कटलरी, कैरी बैग, प्लास्टिक कंटेनर और ग्लास आदि के लिए कई प्रोसेसिंग सुविधाएं हैं. इसमें कस्टमाइज्ड फिल्म पैकेजिंग लाइन, इंजेक्शन मोल्डिंग, कास्ट शीट लाइन और थर्मोफॉमिर्ंग उत्पाद लाइन का उपयोग होता हैं. यह पूरे देश में उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए व उत्पादन को विकसित करने के लिए प्रारंभिक जानकारी प्राप्त करने में मदद करेंगी.

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बांस से बनेगा बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक

प्रो. विमल कटियार, डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट, ने कहा,हम आईआईटी गुवाहाटी में बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक और संबंधित उत्पादों के उत्पादन के लिए मुख्य कच्चे माल के रूप में बांस (Bamboo) का उपयोग करने का लक्ष्य बना रहे हैं और एक बार इसे अपनाने के बाद, यह क्षेत्र में महत्वपूर्ण औद्योगीकरण को बढ़ावा देगा. हमने कंपोस्टेबल प्लास्टिक से संबंधित अलग-अलग तकनीकों पर काम किया है और ये तकनीकें उद्योगों के लिए खुली हैं.

बायोप्लास्टिक्स (Bioplastic) पर सस्टेनेबल मैटेरियल्स ट्रांसलेशनल फैसिलिटी के लिए आईआईटी गुवाहाटी और एनआरएल के बीच साझेदारी की गई है. यह अपनी तरह का पहला शैक्षणिक-औद्योगिक सहयोग भी है. यह उद्यम अपशिष्ट और मध्यवर्ती सामग्री का उपयोग करके बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के उत्पादन के साथ-साथ अनुसंधान व विकास काम को बढ़ावा देगा.

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IIT टीम डवलप करेगी नई तकनीक

आईआईटी गुवाहाटी के कार्यवाहक निदेशक प्रो. परमेश्वर के. अय्यर ने कहा, उद्योग समर्थन के माध्यम से बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक (Biodegradable Plastic) के क्षेत्र में इस तरह की समग्र तकनीकी प्रगति देश में अपनी तरह की एक अनूठी पहल है. हम आशान्वित हैं कि प्लास्टिक क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों को और तेज करने के लिए उपलब्ध ज्ञान आधार का उपयोग करेंगे, क्योंकि वर्तमान प्लास्टिक समस्या को बिना किसी देरी के संबोधित करने की आवश्यकता है.

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अकादमिक-उद्योग सहयोग के दायरे के बारे में बात करते हुए डॉ. अमित कुमार, सेंटर फॉर सस्टेनेबल पॉलीमर्स, आईआईटी गुवाहाटी के प्रमुख ने कहा, आईआईटी गुवाहाटी का उद्देश्य बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक (Biodegradable Plastic) के क्षेत्र में एक उच्च तकनीकी कार्यबल विकसित करना है और इसके लिए कई उद्योग-अकादमिक सहयोग विचारों का प्रस्ताव दिया है. बायोप्लास्टिक्स पर नव स्थापित ट्रांसलेशनल सुविधा संभावित उद्योग भागीदारों को आईआईटी गुवाहाटी के शोधकतार्ओं के साथ लक्षित परियोजनाओं पर काम करने का अवसर देगी.

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(इनपुट- IANS)