Business Idea: भारत में बकरी पालन (Goat Farming) एक नया बढ़ता हुआ इंडस्ट्री है. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सरकार बकरी पालन को प्रोत्साहित कर रही है. सरकार बकरी पालन करने वाले किसानों (Farmers) को सब्सिडी भी देती है. कम लागत में बढ़िया मुनाफे की वजह से अब पढ़े-लिखे युवा भी इस बिजनेस में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

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मध्य प्रदेश के धार जिला के धरमपुरी थाने के सुंदरेल गांव के दीपक पाटीदार कृषि (Agriculture) में स्नातक है. एग्रीकल्चर से स्नातक करने के बाद उसने इंडियन सोसायटी ऑफ एग्री-बिजनेस प्रोफेशनल्स (ISAP), भोपाल में आयोजित एग्री-क्लीनिक एंड एग्री-बिजनेस सेंटर (AC&ABC) स्कीमके तहत आंत्रप्योनर स्किल की ट्रेनिंग ली.

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लोन लेकर शुरू किया बकरी पालन का काम

ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्होंने कमर्शियल स्तर पर बकरी पालन और ट्रेनिंग सेंटर का काम शुरू किया. GoatWala Farm शुरू करने के लिए दीपक ने AC&ABC क्रेडिट हेल्प के तहत बैंक ऑफ महाराष्ट्र से 20 लाख रुपये का लोन लिया. उनका फार्म सभी कैटेगरी के प्रशिक्षुओं जैसे किसानों, गैर-सरकारी संगठनों, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर्स, फील्ड वर्कर्स और नए कमर्शियल बकरी पालकों को  प्रशिक्षण सुविधा प्रदान करता है.

चलाते हैं तीन दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम

उनका फार्म एक कमर्शियल यूनिट है जहां तीन भारतीय बकरी नस्लों जमुनापारी (Jamunapari), बारबरी (Barbari) और सिरोही (Sirohi) को पाला जाता है. कमर्शियल बकरी पालन पर तीन दिवसीय रेजिडेंशियल ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ-साथ एकदिवसीय ट्रेनिंग और एक्सपोजर प्रोग्राम तैयार किया गया है. सामाजिक कार्यों को मान्यता के रूप में नाबार्ड (NABARD) ने उन्हें 36% सब्सिडी दी है.

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10000 ग्रामीण युवाओं को दी ट्रेनिंग

गोटवाला फार्मा 10 लोगों को रोजगार दे रहा है. उनका फार्म देशभर से 10000 ग्रामीण युवाओं को ट्रेनिंग दे चुका है. उनके फार्म का सालाना टर्नओवर 80 लाख रुपये से अधिक है.

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