Pulses Prices: दाल की बढ़ती कीमतों और इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. उपभोक्ता मामलों के सचिव ने दालों की उपलब्धता की समीक्षा की, दाल उद्योग के हितधारकों के साथ बैठकें कीं. उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने 15 अप्रैल, 2024 से ऑनलाइन स्टॉक मॉनिटरिंग के संचालन के लिए दाल इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की एक सीरीज के दौरान इस बात पर जोर दिया कि दालों के वायदा ट्रेड में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति से Essential Commodities Act प्रावधानों के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा. आगे के वेरिफिकेशन के लिए इंडस्ट्री से फीडबैक और अलग-अलग मार्केट प्लेयर्स के साथ स्टॉक की स्थिति से संबंधित बाजार खुफिया जानकारी एकत्र की गई है.

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सरकार ने कि म्यांमार से दालों का आयात करने वाले व्यापारियों के लिए पेमेंट मैकनिज्म को आसान और सरल बनाया गया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आयातकों को पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के जरिए विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (SRVA) के जरिए रुपया/क्यात प्रत्यक्ष भुगतान प्रणाली का उपयोग करने को कहा गया है. भारत घरेलू कमी को पूरा करने के लिए दालों के आयात पर निर्भर है. देश म्यांमार से तुअर और उड़द दाल का आयात करता है.

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नया मैकनिज्म समुद्री और सीमा व्यापार दोनों के साथ-साथ वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार के लिए भी लागू होगा. ट्रेडर्स द्वारा मैकनिज्म को अपनाने से करेंसी कंवर्जन से जुड़ी लागत कम हो जाएगी और कई करेंसी कंवर्सेशन की जरूरत को खत्म करके विनिमय दरों से संबंधित कठिनाइयों को खत्म कर दिया जाएगा.

मंत्रालय ने कहा कि भारतीय दूतावास ने सचिव को बताया कि व्यापार लेनदेन को सरल बनाने के लिए इस साल 25 जनवरी से Rupee/ Kyat direct payment system चालू कर दिया गया है. सेंट्रल बैंक ऑफ म्यांमा ने 26 जनवरी, 2024 को एसआरवीए के तहत भुगतान प्रक्रियाओं के लिए दिशानिर्देश जारी किए.

15 अप्रैल से वीकली स्टॉक की जानकारी देना अनिवार्य

आयातकों और अन्य उद्योग के खिलाड़ियों जैसे मिल मालिकों, स्टॉकिस्टों, खुदरा विक्रेताओं आदि को 15 अप्रैल, 2024 से पोर्टल https://fcainfoweb.nic.in/psp/ पर वीकली आधार पर आयातित पीली मटर (Yellow Peas) सहित दालों के अपने स्टॉक की ईमानदारी से घोषणा करने के लिए कहा गया है.

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राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सभी स्टॉकहोल्डिंग संस्थाओं द्वारा वीकली स्टॉक डिसक्लोजर लागू करने और उनके द्वारा घोषित स्टॉक को वेरिफाई करने के लिए भी कहा गया है. प्रमुख बंदरगाहों और दाल उद्योग केंद्रों में स्थित गोदामों में स्टॉक को समय-समय पर वेरिफाई किया जाना चाहिए और स्टॉक डिसक्लोजर पोर्टल पर गलत जानकारी देने वाली स्टॉकहोल्डिंग संस्थाओं पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.