New Variety of Chiniya Banana: केला एक नकदी फसल है. दुनिया के कुल उत्पादन में 25% हिस्सेदारी के साथ भारत, विश्व का सबसे बड़ा केला उत्पादक है. केले की कई प्रजाति है, उनमें से एक है चिनिया केला (Chiniya Banana). इसकी मांग देश और विदेश में काफी ज्यादा है. औषधीय गुणों से भरपूर और खास स्वाद वाला चिनिया केला और मालभोग केला बिहार की पहचान है. बिहार में 80% उत्पादन इन्हीं दोनों केलों का होता है. बाद में पनामा बिल्ट बीमारी के कारण केले की इन किस्मों की खेती कम होती चली गई. 

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बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने टिश्यू कल्चर के जरिए चिनिया केले के पौधे तैयार किए हैं. ये पौधे किसानों के साथ वन व कृषि विभाग को दिए जाएंगे. पनामा बिल्ट रोग से मुक्त रहने के कारण किसान इनकी खेती की ओर अग्रसर होंगे. चिनिया केला की कीमत आम केले से ज्यादा मिलती है. इससे किसानों की आय भी बढ़ेगी.

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13 से 15 महीने में तैयार हो जाता पौधा

बिहार सरकार कृषि विभाग के मुताबिक, टिश्यू कल्चर से तैयार चिनिया केला का पौधा 13 से 15 महीनों में तैयार हो जाता है, जबकि सामान्य पौधों से फल 16 से 17 महीने में तैयार होते हैं. टिश्यू कल्चर से तैयार पौधों की खासियत यह है कि इनसे 30-35 किलोग्राम केले निकलते हैं. चिनिया केला थोड़ा अम्लीय होता है. इस कारण इसका स्वाद बेहतर आता है.

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चिनिया केले के फायदे

चिनिया केला सुगंधित और खट्टा-मीठा स्वाद का होता है. इससे आटा और चिप्स भी बनाया जाता है, जिनकी बाजार में काफी मांग है. यह आयरन से भरपूर, आसानी से पचने वाला फल है. इसके नियमित सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है. इसके अलावा यह गठिया, उच्च रक्तचाप, अल्सर और किडनी से संबंधित रोगों से बचाव में भी सहायक है. यह आंख की रोशनी और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का भी काम करता है. इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन व मिनरल होते हैं.

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